आगरालीक्स…. यूपी में विधानसभा चुनाव (2017) की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। बसपा का गढ माने जाने वाले आगरा में समाजवादी पार्टी चुनावी जमीन तलाशने में जुट गई है। आगरा की सभी विधान सभाओं के लिए प्रत्याशियों के आवेदन मांगे गए थे। अब इन आवेदनों और पूर्व में चुनाव लड चुके प्रत्याशियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करने के लिए पुलिस की एलआइयू लॉकल इस्वेटीगेशन यूनिट को लगाया गया है। चूंकि विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सपा कार्यकर्ता कमाई में जुटे हुए हैं, ऐसे में एलआइयूी को भी मुश्किल आ रही है, स्थानयी स्तर पर सपा के नेताओं के बारे में पुलिस अधिकारी भी नहीं जानते हैं। ऐसे में उन्हें सपा के पदाधिकारियों और मीडिया की मदद लेनी पड रही है। वैसे बाह से कैबिनेट मंत्री अरिमदन सिंह प्रत्याशी हो सकते हैं, शमसाबाद से डॉ राजेंद्र सिंह और छोटे लाल वर्मा, खेरागढ से कई नाम सामने आए हैं। फतेहपुर सीकरी से प्रदीप राजपूत और ओपी नौहवार ने आवेदन किया है। एत्मादपुर से पूर्व प्रत्याशी प्रेम सिंह बघेल, आगरा उत्तर से राहुल चतुर्वेदी, छावनी से पूर्व् प्रत्याशी चंद्र सेन टपलू सहित अन्य विधानसभाओं के प्रत्याशियों के लिए सपा जमीनी स्तर से काम कर रही है। इसमें जातीय समीकरण देखने के साथ ही बसपा और भाजपा के प्रत्याशियों पर भी नजर रहेगी। उधर बसपा के प्रत्याशियों के लिए भी बहन जी (पूर्व मुख्यमंत्री मायावती) के पास मथ्था टेकने वालों की लाइन लगने लगी है। वहीं, भाजपा में पूर्व में चुनाव लड चुके प्रत्याशियों के साथ ही बसपा और सपा में सीट न मिलने वाले असंतुष्ट दावेदार भाजपाईयों के घर पर दिखाई देने लगे हैं। अभी विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस शांत है। इस बार आगरा के चुनाव में बिजनेस मैन भी उतरे की तैयारी में जुटे हुए हैं। इस चुनाव से आगरा में नए नेताओं का पदार्पण होगा तो तमाम नेताओं की राजनीति का चैप्टर भी बंद हो जाएगा।
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