आगरालीक्स… आगरा की यह तस्वीर 72 वें स्वतंत्रता दिवस के जश्न से पहले की है, एक महिला बीमार पति को ठेले पर लिटाती है, ठेले को 15 किलोमीटर खींचकर एसएन पहुंचती है। एसएन में अव्यवस्थाओं और मरीजों की भीड में पति के इलाज के लिए भटकती है, सिस्टम साथ नहीं देता लेकिन महिला की हिम्मत को देख तीमारदार मदद करते हैं और वह अपने पति का इलाज करा पाती है।
आगरा के टेढी बगिया निवासी रेखा के पति जगदीश छोले भटूरे की ठेल लगाते थे, तीन महीने पहले वे छत से गिर गए। उन्हें एसएन में भर्ती किया गया, यहां आॅपरेशन हुआ लेकिन वे अभी चल नहीं पाते हैं। इलाज में जमा पूंजी खर्च हो गई, कर्ज भी लेना पडा है।
एंबुलेंस के लिए नहीं थे पैसे, सरकारी सुविधाओं की जानकारी नहीं
जगदीश को दो दिन से बुखार आ रहा था और लेटे लेटे पीठ में घाव हो गया था। घर से एसएन मेडिकल कॉलेज 15 किलोमीटर है। बकौल रेखा निजी एंबुलेंस ने 600 रुपये मांगे, आॅटो वाले ने 200 रुपये मांगे और कहा कि ज्यादा देर इंतजार नहीं कर पाएगा। रेखा क्या करती, उसने तीन महीने से घर पर खडी पति की ठेल निकाली, उस ठेल पर पति को लिटा लिया।
15 किलोमीटर ठेल को बेटे के साथ खींचकर पहुंची एसएन
रेखा ने अपने पति को ठेल पर लिटा लिया, अपने बेटे को साथ लिया। ठेल को 15 किलोमीटर खींचकर एसएन पहुंच गई, यहां लोगों को लगा कि रेखा के पति एसएन में ही भर्ती हैं और वह उनकी जांच कराने के लिए ठेल पर लाई है। गर्मी में ठेल खींचने से रेखा बेहोश हो गई, इससे तीमारदारों की भीड लग गई। इसके बाद उन्हें पता चला कि रेखा 15 किलोमीटर ठेल खींचकर अपने पति को लेकर आई है।
तीमारदारों ने की मदद
रेखा की हालत को देख तीमारदार मदद के लिए आगे आए। एसएन में भीड लगी हुई थी। तीमारदारों ने जगदीश का एक्सरे कराया, इसके बाद एसएन में पटटी हुई और रेखा अपने पति को ठेल पर ही लिटाकर वापस ले गई।