आगरालीक्स….आगरा के 20 हॉस्पिटल बोले—गलत तरीके अपना रहे मरीज. इससे मनोबल टूटा. हमारे 20 डॉक्टरों ने दी है जान, वो भी मरीजों की सेवा करते—करते
आईएमए ने की वर्चुअल मीटिंग
शुक्रवार को आई एम ए कोविड-19 होस्पिटल्स की जूम प्लेटफार्म पर एक वर्चुअल मीटिंग आयोजित हुई. इस मीटिंग में आईएमए के लगभग 20 हॉस्पिटल ने शिरकत की. अध्यक्षता डॉ राजीव उपाध्याय ने की. संचालन मीडिया प्रभारी डॉ पंकज नगाइच ने किया. सर्वप्रथम सभी हॉस्पिटल्स ने एक स्वर में इस बात की निंदा की कि जो तरीका कई मरीज इस वक्त अख्तियार कर रहे हैं और् कह रहे हैं कि उनके इलाज में ज्यादा पैसे लिए गए और वह लौटाये जाएं, इस प्रकार की घटनाओं से अस्पतालों का मनोबल टूट रहा है.
20 चिकित्सकों की जान गई
डॉ राजीव उपाध्याय ने कहा आगरा में लगभग 20 से ज्यादा चिकित्सक मरीजों का इलाज करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं. क्या यह चिकित्सक अपने घरों में बंद बैठे थे. नहीं यह चिकित्सक समाज की सेवा करते हुए बीमार हुए और् हंसते-हंसते मरीजों की सेवा करते हुए अपने प्राण निछावर कर गए. ऐसे ही तमाम चिकित्सक कोरोना से बीमार हुए और तमाम चिकित्सकों ने अपने घरवालों से दूर रहकर निरंतर मरीजों की सेवा की. इस सब का सिला अगर समाज इस रूप से हम लोगों को देगा तो चिकित्सक इलाज करने से घबराएगा.
कोई ज्यादा पैसा ले रहा है तो आईएमए लौटाएगा
आईएमए सचिव डॉ अनूप दीक्षित ने कहा कि जो भी गलत हो रहा है ,अगर ज्यादा पैसा किसी भी अस्पताल ले रहा है तो आईएमए है, वह पैसा लौट आएगा. लेकिन यह बात भी निश्चित है कि अस्पतालों ने पैसा ज्यादा नहीं लिया और वही लिया है जिसका bill दिया है. अब जो पैसा लौटाया जा रहा है वह मरीजों के दर्द को समझते हुए ऐसा किया गया है. डॉ दीक्षित ने अगर संभावित तीसरी लहर आती है तो उसके लिए तैयार रहने के लिए कहा. पूर्व अध्यक्ष डॉ. रवि पचौरी ने कहा के संपूर्ण आईएमए एक है एवं यूपी नर्सिंग होम एसोसिएशन की गाइडलाइंस के तहत अपने प्रत्येक अस्पताल गाइडलाइंस बनाकर जमा करेगा. जिसमें अपना खर्च अपना व्यय लिखा जाएगा.
डॉक्टर ओपी यादव ने कहा कि कोई भी अस्पताल या चिकित्सक मरीज को सर्वोपरि रखकर इलाज करें एवं हमारे द्वारा कोई भी ऐसा कार्य ना हो जो पीड़ित को और कष्ट पहुंचाएं लेकिन इसका अर्थ यह भी नहीं कि कोई भी चिकित्सक या अस्पताल अनुचित दबाव में डाला जाए. डॉ. जयदीप मल्होत्रा एवं डॉ. मुकेश गोयल ने बहुत ही मार्मिक तरीके से आत्माव्लोकन की बात कही.
मल्होत्रा ने सेल्फ ऑडिट की बात कही और उन्होंने इस बात को रखा अस्पतालों के खर्चे बहुत हैं ।बड़े अस्पताल में अधिक सुविधाओं, अध्यक्ष खर्चों के साथ आते हैं ।इस बात को समाज को समझना होगा. डॉ संदीप अग्रवाल ने कहा ऑक्सीजन की कालाबाजारी प्रशासन के सामने हो रही थी और हम लोग ज्यादा महंगा ऑक्सीजन ज्यादा महंगा सामान खरीदने पर मजबूर थे क्योंकि हमें मरीजों की जान हर कीमत पर बचानी थी. इसीलिए कुछ कॉस्ट बढ़ गई. यह बात प्रशासन और मरीजों को समझनी होगी.
डॉ रजनीश मिश्रा ने कहां कि हमें आपस में एकजुट होकर समाज की हर दर्द को दूर करना होगा लेकिन ऐसा कुछ ना हो जिससे कि चिकित्सक एवं चिकित्सालय कलंकित हो. डॉ. सुरेंद्र पाठक ने भी सही तरीके से इलाज करने की बात कही एवं उन्होंने यह भी कहा कि अब यह समय निकल गया है. इसलिए बहुत परेशान ना होते हुए आगे कार्य करते रहना है. डॉ. तरुण सिंघल ने इस बात पर बल दिया की मीडिया चिकित्सकों की पॉजिटिव बातों को भी लिखे हमेशा नकारात्मक वातावरण ना बनाएं. डॉ. सचिन मल्होत्रा ने मीडिया से आग्रह किया कि कोई भी नकारात्मक खबर को बहुत ज्यादा ना छापा जाए एवं इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि न्याय की भाषा बोलते बोलते कोई निर्णय ऐसा न सुनाएं. मीडिया जिससे कि मरीजों का विश्वास चिकित्सकों के ऊपर से हिलने लगे.
बैठक में डॉ अनुपम गुप्ता ने यह प्रश्न उठाया कि जो चिकित्सक शहीद हुए हैं या बीमार् हुए हैं, क्या प्रशासन उन को मुआवजे के रूप में कुछ धनराशि देगा. उन्होंने यह भी पूछा की प्रशासन द्वारा गठित ग्रीवेंस कमेटी जो सुलह करा रही है क्या इसका वह एक क्लोजर लेटर दिलवाएंगे.