शनिवार को होटल रमाडा से ताज कार रैली को डीएम पंकज कुमार और एसएसपी प्रीतिंदर सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 450 किलोमीटर की कार रैली में 90 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। इसमें तीन विकलांग भी हैं, वहीं, महिला प्रतिभागी भी कार रैली में शामिल हुई हैं। रोमांच के इस सफर में ताज कार रैली को देखने वालों की भीड लगी रही। 31 जनवरी को रैली का फ्लैग ऑफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आiरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर सिरसागंज के पास करेंगे। रैली के माध्यम से प्रदेश सरकार आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे को लोकप्रिय करना चाहती है। रैली के लिए 90 से अधिक प्रतिभागी पंजीकरण करा चुके हैं।
जोश को सलाम
जालंधर के रहने वाले अभय डोगरा ने बताया कि एक दुर्घटना के दौरान उनके पैरों ने काम करना बंद कर दिया। इसके बाद वह दीपा मलिक के संपर्क में आए। तब से कार ड्राइविंग करने लगे। वे पिछले साल की ताज कार रैली में शामिल हो चुके हैं। वह अपनी कार से जालंधर से जयपुर जा चुके हैं। बिजनेसमैन अभय ने बताया कि ड्राइविंग के लिए कार में मामूली बदलाव करने पड़े हैं। वह हाथ से ही ब्रेक लेते हैं।
नकली हाथ और पैर से कार चलाते हैं बीपीओ में कार्यरत अंकित
दिल्ली निवासी अंकित शर्मा बीपीओ में काम करते हैं। 1999 में दुर्घटना में उन्होंने एक पैर खो दिया। इसके तीन साल बाद वर्ष 2002 में वह कार ड्राइविंग करने लगे। ड्राइविंग करते हुए चार साल ही हुए थे कि फिर से 2006 में दुर्घटना की वजह से दाहिना हाथ और दूसरा पैर भी खो दिया।
वे महीनों तक कोमा में रहे। जब होश आया तो ठान लिया कि फिर से कार ड्राइविंग करना है। वह एक नकली हाथ और दो नकली पैर व छड़ी के सहारे चलते हैं। अब अंकित देश के अलग-अलग शहरों में कार रैलियों में हिस्सा लेते हैं। उन्हें आगरा में कार चलाते देखकर कोई कह नहीं सकता कि वह पैरों को गंवा चुके हैं।
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