आगरालीक्स…आगरा किला में गूंजी शिवाजी महाराज की शौर्यगाथ. अब हर बार यहीं मनेगी शिवाजी महाराज की जयंती. सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा—मैं यहां मावले सिपाही के रूप में आया हूं…पढ़ें पूरी खबर
मुगल काल के दौरान आगरा किले में गूंजी छत्रपति शिवाजी की वीरगाथा एक बार फिर जीवन्त हो रही है। शिवजयन्ती के उपलक्ष्य में आज आगरा किले के दीवान ए आम में अजिंक्य देवगिरि प्रतिष्ठान द्वारा महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से शिवजन्मोत्सव का आयोजन किया गया। इस आयोजन में शामिल होने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी आगरा पहुंचे। उनके एयरपोर्ट पर पहुंचने पर पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह, जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल, भाजपा जिलाध्यक्ष गिर्राज कुशवाह और महानगर अध्यक्ष भानु महाजन ने उनकी अगवानी की।
आगरा किले के दीवान ए आम में हिन्दवी स्वराज के संस्थापक, सहास व पराक्रम की प्रतिमूर्ति और राष्ट्र प्रथम की प्रेरणा देने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज जी की 393वीं जयंती मनाई गई। मुख्यमंत्री महाराष्ट्र एकनाथ शिंदे ने इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए। कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का वीडियो शुभकामना संदेश का प्रसारण भी किया गया। सीएम एकनाथ शिंदे ने अपने संबोधन में कहा कि आगरा किला ऐतिहासिक है, जहां शिवाजी को झुकाने का प्रयास किया गया लेकिन शिवाजी अपने स्वराज में सकुशल पहुंचे। उन्होंने कहा कि मैं यहां मुख्यमंत्री के रूप में नहीं बल्कि एक मावले सिपाही के रूप में आया हूं। छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्थापत्य, इंजीनियरिंग, जल सेना सभी क्षेत्रों में काम किया। उन्होंने कहा कि इतने सालों के बाद पहली बार यहां शिवाजी की जयंती का आयोजन हो रहा है। अब हर बार शिवाजी महाराज की जयंती यही मनाएंगे।

उन्होंने कहा कि लोगों में बहुत खुशी है कि इस कार्यक्रम के लिए। उन्होंने आगरा की जनता का आभार जताया और कहा कि शिवाजी महाराज सबसे अलग थे क्योंकि उन्होंने हिंदू राज्य की स्थापना के बारे में सोचा और कुतुब शाही मुगलशाही सबसे लड़े।
कार्यक्रम का शुभारंभ कपिल मोरेश्वर पाटिल, मा.केंद्रीय राज्य मंत्री पंचायती राज तथा सांदीपन भूमरे, उद्यान मंत्री, महाराष्ट्र सरकार, राव साहिब पाटिल, मा.केंद्रीय राज्य मंत्री, रेलवे, कोयला व खनन, एवं आगरा के मा.सांसद व केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल ने दीप प्रज्ज्वलित कर और छत्रपति शिवाजी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम के मुख्य आयोजक देवगिरि प्रतिष्ठान व सहसंयोजक महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधियों ने सभी अतिथियों का माल्यार्पण व साफा बांध कर स्वागत किया, तत्पश्चात 15 कलाकारों की टीम द्वारा “पवाड़ा” महाराष्ट्र के प्रसिद्ध लोक गायन की प्रस्तुति दी, जो शिवाजी महाराज के युद्ध कौशल के यशोगान तथा स्तुति पर केन्द्रित था, वीर रस के इस गायन को सुनकर लोग रोमांचित हुए।

उसके बाद श्रव्य दृश्य साधनों के माध्यम से मराठी भाषा में “पालना/लोरी”का गायन किया गया जिसमें बचपन के छत्रपति शिवाजी महाराज व माता जीजाबाई के स्वरूपों का जीवंत दृश्य उपस्थित हो गया। तत्पश्चात महाराष्ट्र गीत, जिसे महाराष्ट्र सरकार ने आज ही इसे राज्य के आधिकारिक गीत को मान्यता देने की घोषणा की “जय जय महाराष्ट्र माझा” का गायन किया, जिसको उपस्थिति लोगों ने खड़े होकर सम्मान सहित सुना।इंडिया गॉट टैलेंट से उभरे रेत कला के कलाकार, सर्वम पटेल ने रेत कला का शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतमाता के मानचित्र को रेत पर उकेर कर उसके अंदर छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को बनाया, यही नहीं उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के हिंदवी स्वराज की स्थापना के विभिन्न सोपानों व घटनाओं को रेत पर उकेर कर उपस्थित लोगों को रोमांचित कर दिया, उसके बाद कार्यक्रम में, महेन्द्र बसंत राव महाडे द्वारा लिखित नाटक जिसमें आमेर के मिर्जा राजा जयसिंह, मुगल सम्राट औरंगजेब, पुरन्दर की संधि, शिवाजी का आगरा आना, मुगलों द्वारा उन्हें कैद किया जाना, छत्रपति शिवाजी द्वारा अपनी चतुराई व सूझबूझ से मुगलों की कैद से निकल कर अपने मराठा राज्य में पहुंचना इत्यादि घटनाओं का नाट्य रूपांतरण का मंचन लाइट एंड साउंड के साथ किया गया, नाटक के मंचन में संवाद,वेशभूषा, और कलाकारों ने अपनी कला से उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर मध्यकालीन दौर में पहुंचा दिया।