उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान अध्यक्ष और गीतकार पद्मभूषण गोपालदास नीरज ने देहदान कर्तव्य संस्था ने औपचारिक फार्म भरवाया। वह आज से संस्था के संरक्षक भी हो गए। देहदान कर्तव्य संस्था सालभर में 100 लोगों को देहदान के लिए प्रेरित कर चुकी है। चर्चित हस्तियों को मुहिम में शामिल करने की कड़ी में आज उप्र भाषा संस्थान के अध्यक्ष नीरज भी शरीक हो गए। गोपालदास नीरज ने कहा कि मैं मरने के बाद भी जिंदा रहना चाहता हूं और यह देहदान से ही संभव है। वैसे भी मौत के बाद जलाने से राख किसी काम नहीं आती, दान दिए गए शरीर से किसी को नर्इ् जिंदगी मिलती है, मेडिकल छात्र पढाई कर सकते हैं। अलीगढ ही नहीं पूरे देश में देहदान के लिए लोगों को आगे आना चाहिए।
Leave a comment