आगरालीक्स..(Agra News 26th May ). आगरा में कोविड हॉस्पिटल में अधिक चार्ज वसूलने के साथ ही इलाज में लापरवाही से मौत की शिकायतें बढी, तीन बढे कोविड हॉस्पिटलों की शिकायत।
आगरा में कोरोना की दूसरी लहर में अप्रैल और मई में मरीजों से अधिक चार्ज वसूला गया। सत्यमेव जयते संस्था द्वारा इन मामलों को उठाया जा रहा है। सत्यमेव जयते ट्रस्ट द्वारा महामारी लोक शिकायत निवारण समिति आगरा को शिकायतों को प्रस्तुत किया ऐसी शिकायतों में न्याय दिलाने के लिए सत्यमेव जयते ट्रस्ट ने एक अभियान चला रखा है। इस सेवा कार्य को रोहित अग्रवाल एडवोकेट 9997093267, हरीश वाशवानी
9837516008तथा अंकुर अग्रवाल सीए 9412253805 देख रहे हैं।इस संदर्भ में यदि शिकायत करनी हो या इस कार्य में कोई असुविधा आ रही है, तो उपरोक्त तीनों में से किसी भी नम्बर पर सम्पर्क कर सकते हैं।
केस 1 आवास विकास कॉलोनी आगरा निवासी श्री पंकज मेहरोत्रा (इनके पिताजी स्व० प्रेम नाथ मेहरोत्रा) के रवि हॉस्पिटल आगरा में कोविड ईलाज के दौरान मृत्यु एवं इलाज में लापरवाही व शासन द्वारा निर्धारित रुपयों को न चार्ज कर कुल रुपये 6,21,000 लिए गये। वर्तमान में मृतक की पत्नी अब अकेली हो गयी थी इसीलिए अब उनके पुत्र उन्हें अपने साथ अहमदाबाद ले गये है।
केस 2- कमला नगर निवासी श्री शान्तनु गोस्वामी से कमलेश टंडन अस्पताल द्वारा अधिक बसूली के संबंध में सूचना प्राप्त हुई और पीड़ित ने ट्रस्ट से न्याय की गुहार लगाई कि पीड़ित की पत्नी श्रीमती प्रिया गोस्वामी की डिलीवरी जून के अंतिम सप्ताह या जुलाई के प्रथम सप्ताह में होनी थी, 4 मई को पीड़ित की पत्नी को बुखार के कारण दवाइयां दी गयी। दो से तीन दिन दवाइयां लेने के बाद 7 मई को सुबह पीड़ित की पत्नी को ब्लीडिंग शुरू हो गई। अल्ट्रासाउंड कराने पर बच्चे में कोई मूवमेंट नहीं था इसलिये पीड़ित की पत्नी के शरीर में सेप्टिक न फैल जाए तत्काल सर्जरी के लिए आगरा के एक अस्पताल में भर्ती के लिए लाया गया। वहाँ भर्ती के लिए कोविड टेस्ट में वो पॉजिटिव होने के कारण पीड़ित को आपरेशन के लिए 1 लाख की तुरंत माँग की गया। अन्यथा पत्नी के जीवन पर संकट का डर दिखाया गया। पीड़ित ने तुरन्त 1 लाख रुपए का जैसे तैसे इंतजाम करके जमा कराए उसके बाद उन्होंने आपरेशन किया। 3 दिन एडमिट रखकर उसका बिल कुल 1 लाख 70 हजार से का थमा दिया गया और जमा करने के बाद डिस्चार्ज किया गया।
केस 3- आवास विकास कॉलोनी निवासिनी सौम्या सक्सेना से उनके मृतक पति स्व० विपुल सक्सेना के इलाज में घोर लापरवाही और अधिक बसूली के संबंध में सूचना प्राप्त हुई और पीड़ित ने ट्रस्ट के माध्यम से न्याय की गुहार लगाई कि पीड़ित के पति को दिनाँक 7.4.21 को घर पर बुखार आया। हल्का बुखार होने पर डॉक्टर सलाह पर दवाइयां ली। सही नही होने पर पीड़ित के पति को आगरा के बीम्स अस्पताल में भर्ती किया कराया गया और अस्पताल में 27.4.21 को ऑक्सीजन न होने का कारण बता कर जबरन डिसचार्ज किया जबकि मरीज की हालत बेहद नाजुक थी। मरीज की पत्नी इधर उधर गुहार लगाती रही कि ऑक्सीजन दे दो नही तो उनके पति मर जायेंगे लेकिन किसी ने भी एक न सुनी अंततः मरीज की मृत्यु हो गयी। परिवार में एक व्यक्ति कमाने वाला वह नही रहा। अस्पताल ने बिल बनाने में कोई कसर नही छोड़ी और शाशन के आदेश की धज्जियां उड़ाई। पीड़िता के 3 नाबालिग बच्चे है। कर्जा लेकर अस्पताल का 4,27,163 बिल चुकाया। कोई रियायत नही दी।