आगरालीक्स…… राजधानी अकबराबाद आगरा में कभी हाथी पर सवार बादशाह अकबर शान के साथ इठलाता घूमता था। 21वीं सदी के आगरा में बीरबल के साथ आया अकबर हैरान और परेशान हो जाता है। ट्रैफिक जाम से जूझने पर उसकी मुलाकात आगरा के कमिश्नर प्रदीप भटनागर से होती है और शहर को जाम के झाम से मुक्ति दिलाने के लिए वे कहते हैं कि यह नुक्कड़ नाटक जबरदस्त हथियार साबित हो सकता है।जब तक जनता और सरकारी मशीनरी एकजुट होकर जागरूक नहीं होते, तब तक ट्रैफिक की समस्या से मुक्ति नहीं मिल सकती है। शाहजहां गार्डन में रंगलीला द्वारा मंचित नुक्कड़ नाटक ‘जाम के झाम में अकबर’ की प्रस्तुति के बाद कमिश्नर प्रदीप भटनागर ने कहा कि नाटक मजाक-मजाक में दर्शकों पर ट्रैफिक अराजकता को लेकर जो शिक्षा देता है, वह काबिले तारीफ है। कलाकारों को उन्होंने 5100 रुपये इनाम देने की घोषणा की। नाटक के निर्देशक अनिल शुक्ल, मनोज सिंह अकबर, योगेंद्र दुबे बीरबल, मनोज शर्मा कालू, काजल गुप्ता रानी, वीरेंद्र सिंह चौधरी, शशांक जैन नौजवान की भूमिका में हैं। उन्होंने बताया कि उनके नाटक और नाटक के बाद दर्शकों के साथ होने वाले सवाल-जवाब हमारे अभियान को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। नाटक दर्शकों पर गहरा प्रभाव छोड़ता है। इस अवसर पर आकांक्षा समिति की अध्यक्ष संगीता भटनागर, रमन, राजेश कुमार, गीता, सोमनाथ यादव, संजय वर्मा मौजूद रहे।
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