आगरालीक्स…बार—बार उल्टी, पेट दर्द, खाना न खाने से गिरने लगा वजन, आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर में आए 14 साल के मरीज का गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट ने सालों की बीमारी का 30 मिनट में कर दिया इलाज। जानें पेनक्रिएटिक स्युडोसिस्ट के बारे में, वीडियो
आगरा में 14 साल का लड़का ठीक से खाना नहीं खा पाता था, बार—बार उल्टी हो जाती थी, वजन लगातार गिरता जा रहा था और पिछले कुछ समय से पेट में तेज दर्द रहने लगा था। कई जगह इलाज करा चुका था लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। किसी परिचित से जानकारी होन पर पिछले दिनों यह लड़का अपने परिजनों के साथ आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर पहुंचा। उसने अपनी स्थिति बताई। डॉक्टरों ने अपने चिकित्सकीय ज्ञान से बीमारी का अनुमान लगाया और जांचें कराईं। जांचों में पेनक्रिएटिक स्युडोसिस्ट की पुष्टि हुई। सीनियर गैस्टोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. समीर तनेजा ने बताया कि इस बीमारी में पेनक्रियाज में सिस्ट हो जाती हैं। इसे स्युडोसिस्ट कहा जाता है। इस बालक के मामले में भी यह एक बेहद जटिल स्थिति थी। मरीज को तत्काल उपचार की जरूरत थी। सीनियर गैस्टोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. विनीत चौहान ने बताया कि 14 वर्षीय बच्चे को इस तकलीफ से निजात दिलाने के लिए पेट में एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड तकनीक की मदद से पेट में एक छोटा छेद कर पेनक्रियाज में स्टंट डाले गए। इससे पेट में जमा गंदगी, सिस्ट को बाहर आने का रास्ता मिला और जमा गंदगी को शरीर से बाहर कर दिया गया। सीनियर गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. पंकज कौशिक ने बताया कि उपचार की इस प्रक्रिया को सिस्टोगैस्ट्रोस्टॉमी कहा जाता है। उपचार के बाद मरीज की स्थिति में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। उसकी भूख में काफी सुधार हुआ है। अब वह उल्टी या पेट भरा होने या किसी तरह के दर्द का अनुभव किए बिना भोजन का आनंद भी सकता है।
क्या है एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड ?
सीनियर गैस्टोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. दिनेश गर्ग ने बताया कि उत्तर भारत के गिने—चुने अस्पतालों में ही आज एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड की सुविधा है। आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर इस क्षेत्र में यह सुविधा रखने वाला केंद्र है। डॉ. गर्ग ने बताया कि एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड एक प्रकार की हाइब्रिड टेक्नोलॉजी है, जिसमें एंडोस्कोपी एवं अल्ट्रासाउंड का मेल है। एक मशीन में एंडोस्कोप के टिप के उपर एक पूरी अल्ट्रासाउंड मशीन को लगा दिया जाता है। और उसका साइज उंगली के पोर के बराबर होता है। इसके फायदे ये हैं कि बहुत सी ऐसी बीमारियां जिनका पता सामान्य अल्ट्रासाउंड, एंडोस्कोपी, सीटी और एमआरआई से भी नहीं लग पाता उसमें एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड काम आता है। वहीं कई बीमारियों का इलाज जांच के दौरान ही कर दिया जाता है, जैसा इस केस में किया गया।
क्या है पेनक्रियाटाइटिस और स्युडोसिस्ट ?
डॉ. विनीत चौहान ने बताया कि पेनक्रियाटाइटिस एक घातक एवं जटिल बीमारी है। अधिकांशत: यह पित्त की थैली में पथरी और शराब के सेवन से होती है। इस बीमारी में पेनक्रियाज के आसपास मवाद हो जाता है। कई मामलों में इसकी सर्जरी जोखिम भरी भी होती है। ऐसे में एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड विधि ने इस जोखिम को काफी कम कर दिया है। स्युडोसिस्ट एक तरह की नकली सिस्ट होती हैं, शरीर के अंदर किसी स्थान पर गंदगी जमा हो जाना। सिस्टोगैस्ट्रोस्टॉमी इलाज की प्रक्रिया को कहा जाता है।