Agra News: Aneurysm treatment is now possible in Agra, 38 year old woman’s life saved…#agranews
आगरालीक्स…आगरा में हृदय की एक जटिल सर्जरी से महिला की जान बचाई गई है. एन्यूरिज्म की बीमारी थी. जानिए क्या है एन्यूरिज्म और क्या है बचाव
उजाला सिग्नस रेनबो हाॅस्पिटल में एक जटिल सर्जरी को अंजाम देकर ह्दय रोगी की जान बचाई गई। 38 साल की महिला एन्यूरिज्म नाम की बीमारी से पीड़ित थी जिसका सफल आॅपरेशन कर सीटीवीएस सर्जन डाॅ. शशिकांत वीवी और उनकी टीम ने महिला को नई जिंदगी दी है।
काजीपाड़ा की रहने वाली 38 वर्षीय सुनीता को सीने में तेज दर्द उठा। परिवार वाले अस्पताल लेकर भागे और फिर एक के बाद एक अस्पताल बदलते रहे। ह्दय की गंभीर बीमारी बताकर आॅपरेशन न कराने की सलाह दी गई। परिवार वाले उम्मीद छोड़ ही चुके थे कि किसी ने उजाला सिग्नस रेनबो हाॅस्पिटल ले जाने की सलाह दी। परिवार वाले यहां लेकर पहुंचे और डाॅ. शशिकांत वीवी से मुलाकात की। डाॅ. शशिकांत ने सभी जांचें कराने के बाद भर्ती कर इलाज शुरू किया। परिवारीजनों को हाई रिस्क सर्जरी लेफ्ट एपिकल बुलेक्टिोमी, थौरोसिस आॅरोटिक रिप्लेसमेंट के बारे मेें सूचित किया गया। रजामंदी के बाद आॅपरेशन किया गया। सफल आॅपरेशन के बाद महिला अब पूरी तरह स्वस्थ है और अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। रीजनल बिजनेस हैड उजाला सिग्नस हेल्थकेयर दिव्य प्रशांत बजाज ने बताया कि सामान्य ह्रदय सर्जरीज के अलावा अस्पताल में हाई रिस्क मल्टी वलवुलर सर्जरी, मिनिमल इनवेसिव नियमित रूप से की जा रही हैं।

क्या है एम्यूरिज्म
डाॅ. शशिकांत ने बताया कि एन्यूरिज्म एक रक्त वाहिका (आर्टरी) में फुलाव है जो रक्त वाहिका की दीवार में कमजोरी के कारण होता है। आम तौर पर जहां इसकी शाखाएं होती हैं जैसे ही रक्त कमजोर रक्त वाहिका से होकर गुजरता है, रक्तचाप एक छोटे से क्षेत्र को गुब्बारे की तरह बाहर की ओर उभारता है।
नसें फटने की थी संभावना
एन्यूरिज्म 5 सेमी से चौड़ा होने पर उसके फटने की संभावना रहती है, जबकि इस महिला का एन्यूरिज्म 5.2 सेमी था। आॅपरेशन काफी रिस्की है। धमनी अपनी जगह पर 50 फीसद से ज्यादा मोटी हो जाए तो एन्यूरिज्म कहलाती है। आगरा में यह सर्जरी पहली बार हुई है। छह दिन बाद मरीज को घर भेज दिया गया है। इस तरह के मामले में स्पाइनल काॅल, किडनी और लिवर खराब होने की चिंता रहती है।