Agra News: Better air connectivity in Agra is being ignored for the last decade…#agranews
आगरालीक्स…आगरा को ‘विकास’ से क्यूं किया जा रहा नजरअंदाज. काफी संख्या में विदेशी टूरिस्ट आने के बाद भी हवाई कनैक्टिविटी अच्छी नहीं, सड़कें तो खराब. सिविल एन्क्लेव शिफ्टिंग का कार्य शुरू नहीं हो सका…
आगरा का एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व है,यह जहां दशरथ पुत्री शांता का श्रृंगी ऋषि की पत्नी के रूप में निवास रहा है। वहीं सनातन संस्कृति में विश्वास रखने वालों के आराध्य महर्षि परशुराम और उनके पिता जमदग्नि ऋषि की तपोभूमि। भारत की पर्यटन नीति में यहां की उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य कई विशिष्टताओं की स्वीकृति रही है। लेकिन पिछले दस साल से यहां के लिये सब कुछ बदला हुआ है। उ प्रमें जहां नये दर्शनीय स्थलों की खोज कर उन्हें पर्यटन मानचित्र पर आंकित करवाने की कोशिशें चल रही हैं,वहीं आगरा के अध्यात्मिक महत्व के पुरास्थलों के अलावा पहले से ही विश्व स्तरीय यूनेस्को सूची के स्थल के स्थलों की मौजूदगी तक को नजरअंदाज कर दिया गया है। इस तथ्य को भी नजर अंदाज कर रखा गया है कि यहीं उत्तर प्रदेश के किसी भी अन्य स्थान से अधिक विदेशी टूरिस्टों का फुटफॉल है,जिसे दृष्टिगत यहां की सड़क और हवाई कनेक्टिविटी का विस्तार स्थानीय जरूरत के अनुसार सामायिक जरूरत है। सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा महानगर की एयर कनैक्टिविटी की जरूरत को पिछले एक दशक से नजर अंदाज किये जाने को लेकर चिंता जता सरकार और राजनेताओं के इसे उठाती रही है।
राजनीतिज्ञों की जमकर हुई किरकिरी
हाल में ही 18वीं लोकसभा के हुए चुनावों आगरा के नागरिकों के द्वारा एयर कनेक्टिविटी को लेकर राजनैतिक दलों की जमकर किरकिरी की।आगरा के कारोबारी और नागरिक हितों से जुड़ी इस जरूरत को पूरी करवाने में नाकामयाब रहने के लिए राजनेताओं, खास कर जनप्रतिनिधियों की कडे कटाक्ष किये। लेकिन लगता है कि कोई असर नहीं हुआ ।एक जनप्रतिनिधि ने नागरिकों की तीखी टिप्पणियों का असर कम करने के लिये कहा कि शीघ्र ही नये सिविल एन्क्लेव ( सिविल एयरपोर्ट ) पर काम शुरू हो जायेगा।नागरिकों ने भी इसे मान लिया,आखिर हर कोई तो धनौली,बल्हेरा जाकर वस्तुस्थिति का आंकलन कर नहीं सकता।
एन्क्लेव शिफ्टिंग का कार्य शुरू नहीं हो सका
हकीकत यह है कि सिविल एन्क्लेव /सिविल एयरपोर्ट बनाने का काम शुरू नहीं हो सका है।एयरपोर्ट अथॉरिटी जो कि जनप्रतिनिधियों के माध्यम से प्रचारित करवा रही थी कि सुप्रीम कोर्ट से सिविल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट को क्लीयरेंस मिल चुकी है,फिर सुप्रीम कोर्ट में पहुंची हुई है।सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा ने एयरपोर्ट से संबधित वरिष्ठ अधिकारी से कहा था कि एयरपोर्ट के 55 एकड की जिस जमीन के लिये सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिली हुई है उस पर तो काम शुरू करवायें, अगर अतरिक्त जमीन को भी मूल प्रोजेक्ट में ही शामिल किया जाता है तो फिर से सुप्रीम कोर्ट अनुमति के लिये जाना होगा। जो जानकारी सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा को है, उसके अनुसार ताज ट्रिपेजियम जोन की सीमा में पांच एकड से बडे क्षेत्र में नया काम करवाने के लिये सुप्रीम कोर्ट से अनुमति औपचारिकता अनिवार्य होती है।
फेस में काम बांट कर विलंब से बचा जा सकता था
सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा का मानना है कि अगर अतरिक्त जमीन अधिग्रहण एयरपोर्ट को बडा आकर देना तय हो जाये तो उसे एक्सटेंशन या सैकेंड पार्ट के रूप में लेकर कार्रवाही शुरू करवायी जा सकती है।क्यों कि 55 एकड जमीन दो साल पूर्व अधिग्रहित थी ,उसी पर निर्माण के लिये सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी हुई थी और उसी को आधार मानकर अनुमति मिली हुई है। इस पर अधिकारी महोदय ने समझाया कि अब सुप्रीम कोर्ट नहीं जाना पडेगा,जो अनुमति मिल गयी है,उसी से काम चल जायेगा।लेकिन वस्तुस्थिति एकदम विपरीत है। अब अतिरिक्त अधिग्रहित जमीन पर पेड़ काटने के लिए अनुमति लेने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची हुई है,जब यह अनुमति हो जायेगी तो संभवत: नयी जमीन पर बिल्डिंग प्लान के लिये अनुमति का एक चरण फिर चलेगा। कुल मिलाकर प्रोजेक्ट कब शुरू होगा यह बताने को न तो एयरपोर्ट अथॉरिटी का कोई सक्षम अधिकारी ही तैयार है और नहीं संसद और उ प्र विधानमंडल के सदनों के सदस्य ही।
कई हजार कृषि श्रमिक हुए बेरोजगार
फिलहाल जमीन अधिग्रहण के बाद बल्हेरा, अभयपुरा और धनौली गांवों में चिंताजनक हालात हैं, जमीन अधिग्रहित हो जाने के बाद से 92.50 + 55= 147.50 एकड़ में खेती का काम बंद हो चुका है।जिनकी जमीन थी वे मुआवजा ले चुके है ,अब खरीफ की बुवाई नहीं कर सकेंगे। जो कृषि श्रमिक थे वह हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं। दूर दूर तक काम नहीं है।उन्हें उम्मीद थी कि सिविल एन्क्लेव बनने पर काम के नये और बेहतर अवसर मिलेंगे किंतु नये ता छोडिये जा थे वह भी हाथ भी हाथ से गये। सरकार के पास भूमि अधिग्रहित करवाने वालों का तो रिकॉर्ड है किंतु जिनकी जीविका उस जमीन पर आधारित खेती और पशुपालन प्रक्रियाओं पर आधारित थी , का तो कोई रिकार्ड नहीं है और इनके लिये कोई वैकल्पिक रोजगार योजना है।
उ प्र शासन विधायक दल भेजे
सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा की का उ प्र शासन से अनुरोध है कि सिविल एन्कलेव शिफ्टिंग प्रोजेक्ट में हो रहीं विलंव के कारणों की पता लगाने विधान सभा और विधान परिषद के सदस्यों की संयुक्त समिति गठित कर भेजे।जिससे कि नागरिको क समक्ष वस्तुस्थिति आ सके। सिविल सोसायटी इसके लिये विधान परिषद अध्यक्ष महोदय को एक अनुरोध पत्र भी प्रषित कर रही है।
सूचना पट लगवायें
सिविल एयरपोर्ट के संबध में प्रभावी कार्य योजना के बारे में जानकारी पर्दादारी मुक्त होनी चाहिये, इसके लिये आगरा के नागरिक प्रशासन के संबंधित सक्षम अधिकारी से अनुरोध है कि प्रस्तावित निर्माण स्थल सहित किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर सूचना पट (होर्डिंग )लगवायें ।जिससे नागरिकों में व्याप्त असमंजस की स्थिति समाप्त हो सके। वैसे सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा , सिविल एन्कलेव के प्रोजेक्ट संबधित आधारभूत सूचनाओं और कार्यतिथियों के बारे में जनजाकारियों में अभिबृद्धि करने वाले इन सूचना पटों को लगवाने के लिये नागरिक उड्उयन मंत्रालय से भी अनुरोध करने जा रही है। वर्तमान में स्थिति यह है कि जो भी सूचनाएं सिविल एन्क्लेव की शिफ्टिंग के लिये उपलब्ध होती रही हैं,वे सभी द्वैयम माध्यमों(सेकेंडरी रिसोर्स) से ही।
उ प्र में संचालित सभी एयरपोर्ट बेहद घाटे में है, इनमें से केवल आगरा सिविल एयरपोर्ट ही ऐसा है,जो कि संचालित होते ही लाभ देना शुरू कर देगा। आगरा में सिविल एयरपोर्ट ना बनवा कर सरकार को नुकसान हो रहा है.
92 एकड़ जमीन का अधिग्रहण
उल्लेखनीय है कि लगभग 92.50 एकड़ (37.4336 हेक्टेयर) अतिरिक्त जमीन खरीदने और एयरपोर्ट अथॉरिटी को हस्तांतरित करने का कार्य प्रदेश सरकार के द्वारा पूरा किया जा चुका है। शासन की ओर से 123.59 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाये थे जो कि किसानों को दिये जा चुके हैं। उनसे जिला प्रशासन के माध्यम से जमीन खरीद कर एयरपोर्ट अथॉरिटी को उपलब्ध भी करवायी जा चुकी है।
अब नये सिरे से जुटानी होगी अनापत्तियां
उल्लेखनीय है कि सितंबर 2023 में प्रदेश कैबिनेट की बैठक में योगी सरकार ने जिन 19 प्रस्तावों को मंजूरी दी थी उनमें सिविल एयरपोर्ट के लिये 92.50 एकड़ अतिरिक्त अधिग्रहित करने का प्रस्ताव भी था।इसके लिये 123.59 करोड रुपये भी उपलब्ध करवाने की व्यवस्था भी सम्मलित की गयी थी। जबकि सिविल एयरपोर्ट की शिफ्टिंग के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी के द्वारा अपेक्षित की गयी योजना के लिये अपेक्षित 55.0एकड जमीन पहले से ही अधिग्रहित कर उप्र सरकार के द्वारा पी डब्लू डी के माध्यम से बाउंड्रीवाल करवा के 2019 में ही उपलब्ध करवा चुकी है। इस जमीन के लिए जो कार्य योजना थी उसे सभी जरूरी अनापत्तियां मिली हुई हैं।कार्यशुरू करवाने के लिये धन भी आवंटित था। इस पर बाउंड्री वाल बनाने का कार्य तत्कालीन सांसद चौधरी बाबूलाल एवं राम शंकर कठेरिया के द्वारा वाकायदा दो अलग अलग कार्यक्रमों में शुरू करवाया गया था,जो पूर्ण और अब भी मौजूद है।उम्मीद यह थी कि इस पर निर्माण को स्वीकृत कार्यों को शुरू करवाया जाएगा और नयी जमीन पर फेस -2 या एक्सटेंशन के रूप में कार्य होंगे। लेकिन अप्रत्याशित रूप से पूर्व स्वीकृत प्रोजेक्ट के स्थान पर पूरी 147 एकड़ जमीन पर ही नया प्रोजेक्ट बनाने की तैयारी है और पुराने कंसल्टेंट को हटाकर नया कंसल्टेंट भी नियुक्त कर दिया गया है। आज की प्रेस कांफ्रेंस में शिरोमणि सिंह, अनिल शर्मा, राजीव सक्सेना, असलम सलीमी, नरेन्द्र वरुण और अधिवक्ता तारा चंद.