आगरालीक्स…आगरा के विवि में कर्मचारी के कैबिनेट मंत्री के बेटे पर उत्पीड़न का आरेाप लगाकर जहर खाने के मामले में डिप्टी रजिस्ट्रार पर गिरी गाज…कर्मचारियों की हड़ताल शाम को खत्म, कल से खुलेगा विवि
आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के जहर खाने के मामले में विवि प्रशासन की ओर से उप कुलसचिव प्रशासन पर कार्रवाई की गई है। उप कुलसचिव प्रशासन को पद से हटा दिया गया है और उनके स्थान पर ममता सिंह को दायित्व सौंपे गए हैं। कुलसचिव की ओर से यह कार्यालय आदेश जारी किया गया है। इधर आज कर्मचारियों की हड़ताल के कारण विवि में छात्र पूरे दिन परेशान रहे. कुलसचिव डॉ. राजीव कुमार ने पालीवाल पार्क परिसर में पहुंचकर कर्मचारियों को बताया कि उप कुलसचिव को हटा दिया गया है। कर्मचारी दिनेश के उपचार के लिए कर्मचारी कल्याण कोष से 50 हजार रुपये दे दिए गए हैं। इसके बाद कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी। विवि अब कल से पूरी तरह से खुलेगा।
ये था मामला
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में मृतक आश्रित कोटे से दिनेश कुशवाह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पर कार्यरत हैं, खंदारी परिसर में वे माली के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने मंगलवार को अपने कौशलपुर स्थित घर पर विषाक्त पदार्थ खा लिया था। इलाज जीजी नर्सिंग होम में चल रहा है, तबीयत में सुधार होने के बाद दिनेश ने आरोप लगाए हैं कि दो साल पहले उप कुलसचिव पवन कुमार ने उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के आवास पर तैनात कर दिया था, मंत्री के बेटे अलौकिक उपाध्याय द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा था, छुटटी के दिन रविवार को भी बुलाते थे। उसके साथ मारपीट की गई।
मंत्री और अधिकारियों ने किया साफ इन्कार
इस मामले में उच्च शिक्षा मंत्री योेगेंद्र उपाध्याय का कहना है कि आरोप सभी गलत हैं, साजिश के तहत उनके खिलाफ आरोप लगाए हैं, उनके आवास पर कोई कर्मचारी काम नहीं करता है। उप कुलसचिव पवन कुमार ने भी कह दिया कि कर्मचारी को मंत्री के आवास पर अटैक नहीं किया था। कुलपति प्रो. आशु रानी ने भी कर्मचारी के मंत्री के आवास पर अटैच किए जाने पर हैरानी जताते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है।
कर्मचारियों में आक्रोश, विवि बंद रखने की चेतावनी
उधर, विवि कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अखिलेश चौधरी का कहना है कि कर्मचारी को अधिकारी द्वारा ही अटैक किया गया था, गलत बयान दिए जा रहे हैं जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती है, विवि बंद रखा जाएगा।
तीन सदस्यीय कमेटी ने शुरू की जांच
इधर कुलपति प्रो. आशुरानी द्वारा इस मामले में गठित की गई तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने जांच शुरू कर दी है।