आगरालीक्स…आगरा की उटंगन नदी में 12 युवकों की मौत पर बोल डीएम— यह मेरे जीवन का सबसे कठिन अभियान था. वीडियो में बताया—कहां फंसे थे शव, कैसे निकाला
जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने कलेक्ट्रेट चैंबर (जनसुनवाई कक्ष) में खेरागढ़ क्षेत्र के कुसियापुर/डूंगरवाला गाँव के पास ऊंटगन नदी में मूर्ति विसर्जन के दौरान दुःखद घटना में 13 युवक डूब गये थे, जिनमें 01 युवक को तत्परता से बचा लिया गया था, शेष 12 मृतक लोगों के शवों की प्राप्ति हेतु चलाये गये रेस्क्यू ऑपरेशन, “ऑपरेशन उटंगन“ के सम्बंध में मीडिया बन्धुओं को विस्तार से जानकारी दी।
प्रेस वार्ता में डीएम ने “ऑपरेशन उटंगन“ के सम्बन्ध में कहा कि “यह मेरे जीवन का सबसे कठिन और भावनात्मक बचाव अभियान था”, यह अभियान प्रशासनिक दृढ़ संकल्प, तकनीकी विशेषज्ञता और मानवीय संवेदना का उदाहरण है। “ऑपरेशन उटंगन“ में नदी की गहराई, तेज बहाव और मिट्टी की परतें ऑपरेशन को बेहद जटिल बना रही थीं, कई असफल प्रयासों के बाद “ऑपरेशन उटांगन“ को एक रणनीतिक युद्ध की तरह चलाया गया, जिसमें तकनीकी विशेषज्ञता को भी जोड़ा गया। साथ ही पड़ोसी जनपद भरतपुर, करौली और धौलपुर के ज़िलाधिकारियों से तत्काल संपर्क कर नदी में पानी न छोड़ने पर रोक लगवाई गई। साथ ही सिंचाई विभाग, पंचायतराज विभाग, नगर विकास तथा अन्य विभागों के साथ स्थानीय ग्रामीणों की मदद से जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए एक अस्थायी मिट्टी का तटबंध बनाया गया, जिससे जल स्तर में कमी आई।
जिलाधिकारी ने बताया कि सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के स्पेशलिस्ट स्कूवा डाइव व गोताखोर की टीमें लगातार कार्य में जुटी रहीं, लेकिन शुरुआती प्रयासों से कोई नतीजा नहीं निकलने पर मर्चेंट नेवी के विशेषज्ञों से सलाह ली गई, मेटल रॉड्स, प्रेशर पाइप्स और कम्प्रेशर एयर तकनीकी का उपयोग किया गया, जिससे नदी की तलहटी तक पहुंच बनने से एक शव की प्राप्ति हुई, यह कारगर तकनीकी सिद्ध हुई और 7 अक्टूबर को कुछ ही अन्तराल में नदी से सभी शवों को सफलता पूर्वक निकाला गया तथा शाम 6 बजे अन्तिम रूप से मृतक हरेश के शव की प्राप्ति के साथ पूर्ण हुआ, उन्होंने आगे बताया कि कुछ शव गाद की परतों के नीचे सीधे दबे हुए पाए गए, जिन्हें निकालने के दौरान अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी। “यह अनुभव मेरे प्रशासनिक जीवन की सबसे कठिन परीक्षा रही।
जिलाधिकारी ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा जिला प्रशासन से लगातार “ऑपरेशन उटंगन“ के दौरान लगातार रेस्क्यू की प्रगति का जायजा लिया जा रहा था तथा मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा भी “ऑपरेशन उटंगन“ में हर सम्भव मदद व सहयोग किया गया। जिलाधिकारी ने क्षेत्रीय जनता व ग्रामीणजनों के ऑपरेशन उटंगन में दिए गये अभूतपूर्व सहयोग के लिए तथा जनपद के समस्त प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया बन्धुओं के सकारात्मक सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने जनपद के जनप्रतिनिधिगण, सांसदगण, सभी एडीएम, एसडीएम, नगर आयुक्त, पुलिस आयुक्त, अपर पुलिस आयुक्त तथा मा0 मंत्री पर्यटन व संस्कृति विभाग व जनपद प्रभारी श्री जयवीर सिंह जी एवं ऑपरेशन उटंगन में शामिल होकर अपना योगदान देने वाले व्यक्तियों को रेस्क्यू ऑपरेशन में हर संभव सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
दशहरा में मूर्ति विसर्जन के दौरान डूबे थे 13 युवक
जनपद के तहसील खेरागढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत कुसियापुर/डूंगरवाला गाँव के पास ऊंटगन नदी में दशहरा पर मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई दुःखद घटना में 13 युवक डूब गए थे, जिनमें स्थानीय ग्रामीणों व स्थानीय पुलिस द्वारा तत्परता दिखाते हुए 01 युवक विष्णु को सकुशल बचा लिया गया था। ओमपाल, गगन व मनोज के शव बरामद कर लिए गये थे। तत्काल एनडीआरएफ, एसडीआरएफ को घटना स्थल पर बुलाया गया, जिसमें 15 लोगों की एसडीआरएफ की टीम इटावा से तथा 17 लोगों की टीम एनडीआरएफ व 27 लोगों की पीएसी बल की टीम घटना स्थल पर लगाई गई, अपेक्षित सफलता न मिलने पर “ऑपरेशन उटंगन“ में सेना की 411वीं पैराफील्ड कम्पनी के 19 लोगों की स्पेशलिस्ट टीम को भी मौके पर बुलाया गया, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी की संयुक्त टीम की सहायता से दिन-रात निरंतर हर संभव प्रयास किए गये, तत्पश्चात गाजियाबाद से एनडीआरएफ की 20 लोगों की टीम को ऑपरेशन में शामिल किया गया, जिसमें स्कूवा डाइव, गोताखोर स्पेशलिस्ट शामिल थे।