Agra News: Doctors gave many important information on pain during periods and delivery…#agranews
आगरालीक्स…पीरियड्स और डिलीवरी के वक्त होने वाले दर्द पर डॉक्टरों ने दी कई अहम जानकारियां. प्रसव के समय की जटिलताओं के बारे में भी बताया…
आगरा आब्सटेट्रिकल एंड गायनेकोलॉजिकल सोसायटी (एओजीएस) की एक महत्वपूर्ण कार्यशाला होटल होली डे इन में हुई। पीरियड्स और डिलीवरी के वक्त होने वाला दर्द चर्चा का मुख्य बिंदु रहा। इसके अलावा यूटीआई और प्रसव के समय होने वाली जटिलताओं में स्त्री रोग विशेषज्ञों ने विस्तार से चर्चा की।
एओजीएस कीं अध्यक्ष डॉ. सविता त्यागी ने प्रसव और प्रसवोत्तर जटिलताओं पर बात की। कहा कि प्रसव के समय होने वाले दर्द को दवाओं ही नहीं बल्कि गर्भावस्था के दौरान एक अच्छी दिनचर्या, व्यायाम और खान—पान के जरिए भी कम किया जा सकता है। हालांकि इसका ध्यान आपको पहले से रखना होता है। सचिव डॉ. संगीता चतुर्वेदी ने कहा कि बच्चे के जन्म के बाद थकान महसूस होना और थोड़ा दर्द होना आम बात है। नींद की कमी, बदलते हार्मोन और स्तनपान संबंधी चिंताओं से जूझना भी आम बात है। यह समस्याएं अधिक न हों इसके लिए चिकित्सक के संपर्क में बने रहना चाहिए।
डॉ. नीहारिका मल्होत्रा डिसमेनोरिया या मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स की बात करें तो, ये पेट के निचले हिस्से में तेज ऐंठन के तौर पर महिलाएं महसूस करती हैं। कुछ लड़कियों में ये पीरियड्स के पहले होता है तो कुछ में पीरियड्स के दौरान। ये आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को भी काफी प्रभावित करता है। क्रैम्प्स की समस्या कुछ लड़कियों में नियमित रूप से होती है। जो उम्र के साथ-साथ कम होने लगती है। वहीं मां बनने के बाद ये पूरी तरह खत्म हो जाती है। डॉ. कामिनी खुराना ने बताया कि जी मिचलना, पेट के निचले हिस्से में ऐंठन, उल्टी आना, पीठ, पैर और सिर तक दर्द का अहसास होना, चक्कर आना यह सभी डिसमेनोरिया के कारण होता है। डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने इस विषय पर पैनल डिस्कशन की अध्यक्षता की। डॉ. सुषमा गुप्ता और डॉ. मधुसूदन अग्रवाल ने यूटीआई के बारे में विस्तार से बात की।
इस दौरान डॉ. सरोज सिंह, डॉ. संतोष सिंघल, डॉ. अनुपमा त्यागी, डॉ. अनिल बंसल, डॉ. उर्वशी वर्मा, डॉ. अनीता शर्मा, डॉ. रेखा टंडन, डॉ. प्रिया सरीन आदि मौजूद थे।