Agra News: High Court rejects petition to open 20 closed doors of Taj Mahal…#agranews
आगरालीक्स…ताजमहल के बंद 20 दरवाजों को खोलने को लेकर हाईकोर्ट ने लगाई याचिकाकर्ता को फटकार. कहा पहले पीएचडी करें तब कोर्ट आना.
ताजमहल में बंद 20 दरवाजों को खोलने को लेकर गुरुवार को सुनवाई में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाई और कहा कि पहले यूनिवर्सिटी जाएं, पीएचडी करें और तब कोर्ट आएं. अगर कोई रिसर्च करने से रोके तब हमारे पास आना. यही नहीं कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता पीआईएल सिस्टम का मजाक न बनाएं.
जानिए याचिकाकर्ता ने क्या कहा
गुरुवार करीब दो बजे इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में ताजमहल के बंद 20 दरवाजों को खोलने की गुजारिश वाली याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने दो बजे मामले की सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया. याचिका को अयोध्या के डॉ. रजनीश सिंह ने दायर की थी. सुनवाई के दौरान रजनीश सिंह के वकील ने कहा कि देश के नागरिकों को ताजमहल के बारे में सच जानने की जरूरत है. याचिकाकर्ता ने कहा कि मैं कई आरटीआई लगा चुका हूं. मुझे पता चला है कि कई कमरे बंद हैं और प्रशासन की ओर से बताया गया है कि ऐसा सुरक्षा कारणों की वजह से किया गया है. याचिकाकर्ता ने कहा कि मैं इस तथ्य पर बात ही नहीं कर रहा कि यह जमीन भगवान शिव से जुड़ी है या फिर अल्लाह से, मेरा मुख्य मुद्दा वो बंद कमरे हैं औश्र हम सभी को जानना चाहिए कि आखिर उन कमरों के पीछे क्या है.
कोर्ट ने दिया ये जवाब
सुनवाई के बाद दो न्यायाधीशों की बेंच ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि जाइए एमए करिए और उसके बाद शोध के लिए विषय चुनिए. अगर कोई आपको रोकता है तो हमारे पास आइए. अदालत ने कहा कि आप किससे सूचना मांग रहे हैं, इसके जवाब में याचिकाकर्ता ने कहा कि प्रशासन से. इस पर कोर्ट ने कहा कि जब प्रशासन कह चुका है कि सुरक्षा कारणों से कमरे बंद हैं तो बस वही सूचना है और अगर आप संतुष्ट नहीं हैं तो इसको चुनौती दीजिए. इसके बाद याचिकाकर्ता ने कहा कि हमें उन कमरों में जाने की अनुमति दीजिए. इस पर कोर्ट ने तंज कसा कि कल को आप कहेंगे कि हमें न्यायाधीशों के चेंबर में जाना है. पीआईएल सिस्टम का मजाक बनाना बंद करें.
याचिका में ये किया गया है दावा
याचिका अयोध्या के डॉ. रजनीश सिंह ने दायर की थी. याचिका में इतिहासकार पीएन ओक की किताब ताजमहल काहवाला देते हुए दावा किया गया है कि ताजमहल वास्तव में तेजोमहालय है, जिसका निर्माण 1212 एडी में राजा परमार्दी देव ने कराया था. याचिका में ये भी दावा है कि ताजमहल के बंद दरवाजों के भीतर भगवान शिव का मंदिर है. हाल ही में जगतगुरु परमहंस के वहां जाने और उनहें भगवा वस्त्रों के कारण रोके संबंधी विवाद का भी जिक्र याचिका में किया गया है.