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Agra News: Hindustan College students design planar antenna to improve bandwidth using DGS…#agranews
आगरालीक्स…हिन्दुस्तान कॉलेज के छात्रों ने डिजाइन किया प्लेनर एंटीना. डीजीएस का उपयोग करके बैंडविड्थ में सुधार के लिए बनाया
शारदा ग्रुप के प्रतिष्ठित संस्थान हिन्दुस्तान काॅलेज आफ साइंस एण्ड टेक्नोलाॅजी के इलैक्ट्रोनिक्स एण्ड कम्युनिकेषन विभाग के अंतिम वर्ष के छात्र सौरभ थैनूआ, चंचल चैहान और अनुष्का सिंह ने डाॅ. दिप्ती गुप्ता के मार्गदर्षन में डीजीएस का उपयोग करके बैंडविड्थ में सुधार करके एक प्लेनर एंटीना का डिजाइन किया। छात्रों को इस उपलब्धि पर शारदा ग्रुप के वाईस चेयरमैन वाई. के. गुप्ता एवं कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रो. वी. के. शर्मा ने छात्र-छात्राओं व उनके गाइड को बधाई एवं शुभकामनायें दी।
प्रोजेक्ट की गाइड डाॅ. दिप्ती गुप्ता ने बताया कि आधुनिक वायरलैस संचार प्रणाली में हम एंटीना का काफी प्रयोग करते हैं इस एंटीना की खास बात ये है कम लागत में हल्के बजन के साथ कम बैंडविड्थ का प्रयोग करते हुये किसी भी आधुनिक संचार प्रणाली में प्रयोग कर सकते हैं। उन्होंने बताया जैसे-जैसे दिन प्रतिदिन प्रौद्योगिकी में सुधार हो रह है आकार कम होता जा रहा है। वायरलैस संचार में मुख्य रूप से संकीर्ण बैंडविड्थ की समस्या है। यह परियोजना डिफेक्टिड ग्राउंड स्ट्रैक्चर (डीजीएस) का उपयोग करके माइक्रोस्ट्रिप पैच एंटीना की बैंडविड्थ वृद्धि के लिए प्रस्तावित है। विष्लेषण के लिए एक सिमुलेषन सीएसटी स्टूडियो सूट का उपयोग किया जाता है। इस अवसर पर विभाग के विभागाध्यक्ष संजय सिंह ने बताया कि ग्राउंड प्लेन पर डीजीएस फ्रिंजिंग फील्ड को बढ़ाता है जो परजीवी कैपेसिटेंस का परिचय देता है। यह परजीवी समाई पैच और ग्राउंड के बीच युग्मन को बढ़ाती है जो बैंडविड्थ को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है।
उन्होंने बताया कि पैच एंटेना का उपयोग उनके छोटे आकार, निर्माण की सादगी और स्थायित्व के कारण विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों में किया जाता है। यहां कुछ उल्लेखनीय अनुप्रयोग दिए गए हैं। इन्हें वाई-फाई राउटर और स्मार्टफोन जैसे वायरलेस संचार उपकरणों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। अपने कम प्रोफाइल और हल्के डिजाइन के कारण, इन एंटेना का उपयोग संचार के लिए अंतरिक्ष यान और हवाई जहाज में किया जाता है। पैच एंटेना का उपयोग उनके उच्च लाभ और निर्देशित उत्सर्जन पैटर्न के कारण ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) रिसीवर में किया जाता है। इन्हें टैग की पहचान करने और डेटा भेजने के लिए आरएफआईडी सिस्टम में व्यापक रूप से नियोजित किया जाता है।
इस अवसर पर आई.क्यू.ए.सी. निदेशक डाॅ. हरेन्द्र सिंह, डीन स्टूडेंट वैलफेयर डाॅ. संदीप अग्रवाल, डीन अकैडमिक विजय कट्टा, मुकुन्द लाल, रूपाली महाजन, हिमांशु प्रकाश राजपूत, अजीत सिंह, हनी सिंह सहित संस्थान के समस्त विभागध्यक्ष, षिक्षकगण एवं कर्मचारियों ने तीनों छात्रों को बधाई एवं शुभकामनायें दी।