आगरालीक्स…आगरा में चल रहे नशा मुक्ति केंद्र की हकीकत आई सामने. ऐसे हालात नजर आए जिन्हें जानकर आप शॉक्ड रह जाएंगे. निरीक्षण में मिलीं इतनी खामियां
आगरा में हाल ही में एक खबर सामने आई थी जिसमें सिकंदरा स्थित नशा मुक्ति केंद्र में एक युवक की मौत हो गई. नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारी और संचालक उस युवक को अस्पताल में मृत छोड़कर वहां से भाग गए. आगरा में कई जगह नशा मुक्ति केंद्र चल रहे हैं, लेकिन यहां स्थिति कैसी हैं, कैसे उपचार किया जाता है, इसको जानने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है. आज स्वास्थ्य विभाग ने खंदारी के केंद्रीय हिंदी संस्थान रोड पर स्थित नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण किया तो हालात ऐसे नजर आए कि स्वास्थ्य विभाग की टीम भी अचंभित रह गई.
टीम द्वारा पहलवान नशा मुक्ति केंद्र 833/1-2, राजीव नगर एवं उजाला नशा मुक्ति केंद्र 16, आदेश नगर कॉलोनी, मौजा मऊ, आगरा का निरिक्षण किया गया. निरीक्षण में ये कमियां पाई गईं.
- केंद्र को कोई भी रजिस्ट्रेशन नही था.
- रोगियों का कोई भी इलाज से सम्बंधित प्रपत्र उपलब्ध नही थे.
- केन्द्रों पर कोई भी योग्य चिकित्सक व स्टाफ उपलब्ध नही था.
- केंद्र पर बहुत पुराने मरीज भी भर्ती पाए गये.
- केंद्र पर मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम (MHA 2017) के मानको का घोर उल्लघन होता हुआ पाया गया.
- मरीजो द्वारा संचालको द्वारा मारपीट करने की शिकायत भी टीम को दर्ज करायी गयी.
- केन्द्रों पर मनोचिकित्सीय दवाएं दी जा रही है, परन्तु केंद्र संचालक द्वारा किसी भी मनोचिकित्सक का परामर्श पत्र उपलब्ध नही कराया गया है. केंद्र पर नशा मुक्ति के लिए उपलब्ध दवाए नही मिली.
- केंद्र पर संचालक द्वारा बताया गया कि रोगी को बीडी एवं तम्बाकू उपलब्ध करायी जाती है.
- केंद्र पर किसी भी स्टाफ नर्स, क्लिनिकल साईंक्लोजिस्ट, योगा टीचर, नही पाए गये.
- मरीजो को प्रथक बिस्तर, वेंटिलेशन, मनोरंजन के साधन उपलब्ध नही है. सभी मरीज एक हॉल में जमीन पर सोते है.
- पर्याप्त संख्या में शौचालय की व्यवस्था नही पाई गयी.
- मरीजो से खाना बनवाया जाता है व बर्तन धुलवाए जाते है, खाने की गुणवत्ता निम्न स्तर की पाई गयी.
- मरीजो के लिए कोई चिकित्सीय जाँच एवं डिजिटल रजिस्टर की अनुपलब्धता है.
- मरीजो की भर्ती से सम्बंधित केस शीट उपलब्ध नही है.
- केंद्र पर किसी प्रकार की आकस्मिक चिकित्सा सेवा की कोई व्यवस्था नही है.