Agra News: Lectures on ‘Biological disasters, challenges and protection from them in India’ held in the university…#agranews
आगरालीक्स…आगरा के विवि में ‘जैविक आपदाएँ चुनौतियाँ और भारत में उनसे सुरक्षा’ पर हुए व्याख्यान…
पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान व राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में पाँच दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम आपदा प्रबन्धन की सामान्य अवधारणाएँ विषय के तीसरे दिवस का आयोजन डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के जुबली हॉल में किया गया। कार्यक्रम के प्रथम तकनीकी सत्र में डॉ. समरवीर सिंह राठौर (सहायक आचार्य, सेन्ट जोन्स कॉलेज, आगरा) ने ‘जैविक आपदाएँ चुनौतियाँ और भारत में उनसे सुरक्षा’ विषय पर क्रमबद्ध तरीके से कैमिकल, न्यूक्लियर और बायोलाजिकल आपदाएँ और उनसे बचाव और विभिन्न प्रकार के बेटेरिया वायरस और टाक्सिन से उत्पन्न होने वाली भयावह बीमारियों और विश्व स्तर पर अलग अलग देशों व उनके राज्यों पर उनके कुप्रभावों को अपने विस्तृत व्याख्यानमाला में श्रोताओं के समक्ष सांख्यिकीय गणनाओं के माध्यम से सुन्दर शब्दों में रखा।
तकनीकी सत्र के द्वितीय सत्र में प्रोफेसर आमिर अली (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, नई दिल्ली) ने शीर्षक ‘शहरों में आने वाली वादों के कारणों व उनके निदान पर विस्तार से अपने विचारों को व्यावहारिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए समस्याओं के विभिन्न आयामों को हल करने के सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में अगर हमने समुचित व्यवस्थाएं नहीं की तो शहरों में बाढ़ की समस्या हल नहीं होगी। इसलिए जरूरत है कि नियोजित तरीके से आपदा प्रबंधन के सारे पहलुओं को ध्यान में रखकर शहरों को नए स्वरूप के विकास के ढांचे में संयोजा जाए।
इसके बाद तृतीय सत्र में प्रोफेसर विनी जैन सेण्ट जॉन्स कॉलेज, आगरा ने शीर्षक ‘आपदा प्रबंधन की समस्या और गंभीरता व आवश्यकता एक समुचित तैयारी’ विषय पर लंबे व्याख्यान माला में उन्होंने गांधी जी के चंपारण आंदोलन की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए उस समय में काल की त्रासदी को आपदा प्रबंधन से जोड़ा और 1999 व 2013 में उड़ीसा में आए फैनी तूफान के दौरान नुकसान राहत व बचाव के कार्यों के विभिन्न चरणों को एकदम सटीक तरीके से बताते हुए सामाजिक आर्थिक सांस्कृतिक परिचय पर अपने विचार रखे और सरकार किस तरह से आपदा प्रबंधन को अच्छी तरह से नियंत्रित कर सकती है इत्यादि विभिन्न गंभीर राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक पहलुओं पर अशिक्षा, गरीबी, भुखमरी और लाचारी विषयों के प्रभावात्मक भावों को श्रोताओं के समक्ष रखा।
तृतीय दिवस के अंतिम व चतुर्थ सत्र में डॉक्टर दीप्ति सिंह, सहायक आचार्य, गृह विज्ञान संस्थान, डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा ने शीर्षक ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा के जोखिम को कम करने के विषय पर अपने सुझावों व महत्वपूर्ण बिंदुओं के माध्यम से दर्शकों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि आपदा के अवसर पर किस तरह से अपने स्वास्थ्य और खान-पान, बच्चों, जवान व वृद्धों को चीन अलग-अलग सारणियों में विभाजित कर मिनिरल न्यूट्रिशन को समुचित प्रदान कर सकते हैं। विभिन्न सत्रों का संचालन डॉ वर्षा गोयल व नम्रता तोमर ने किया तृतीय दिवस का प्रारम्भ माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग प्रत्यूष शर्मा ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्रशिक्षकों के साथ संस्था के निदेशक एवं संयोजक दीनदयाल उपाध्याय ग्राम विकास संस्थान, डॉ. मनोज राठौर, डॉ. आयुष मंगल, डॉ आभा सिंह के साथ आयुष शुक्ला, धीरज कुमार, जसटिन जोसफ व बड़ी संख्या में संस्था के छात्रों ने भाग लिया।