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Agra news: Nirjala Ekadashi fast showers blessings of Lord Vishnu, some simple measures bring success and progress in life
आगरालीक्स… निर्जला एकादशी व्रत कल बुधवार को है। इस व्रत से बरसती है भगवान विष्णु की कृपा। जानिये व्रत से जीवन में उन्नति और सफलता के अचूक उपाय..
सभी व्रतों में निर्जला एकादशी का व्रत श्रेष्ठ
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान एवं गुरु रत्न भंडार वाले ज्योतिषाचार्य पंडित हृदयरंजन शर्मा के मुताबिक सभी व्रतों में एकादशी का व्रत श्रेष्ठ माना गया है। इस एकादशी को भीमसेनी, भीम एकादशी और पाण्डव एकादशी भी कहा जाता है।
पानी नहीं पीते हैं इस व्रत में
जैसा का नाम से ही स्पष्ट होता है निर्जला यानि इस व्रत में जल ग्रहण नहीं किया जाता है इसीलिए इसे निर्जला व्रत कहा जाता है. जल के साथ साथ अन्न भी ग्रहण नहीं किया जाता है। इतना ही नहीं इस व्रत में कठोर नियमों का भी पालन करना होता है. जिस कारण से व्रत सबसे कठिन व्रत कहलाता है.
व्रत का लाभ
इस व्रत की मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत जो भी रखता है उसे 24 एकादशी के व्रतों के बराबर पुण्य मिलता है. इस व्रत को पूर्ण करने भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है। जीवन में चल रही बाधाओं से मुक्ति मिलती. रोग दूर होते हैं. घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. लक्ष्मी का वास होता है।
व्रत की विधि
यह व्रत पंचांग के अनुसार आरंभ करना चाहिए. एकादशी का व्रत दशमी की तिथि से ही प्रारंभ हो जाता है। इस व्रत में सूर्योदय से लेकर अगले दिन द्वादशी तिथि के सूर्य उदय तक जल और भोजन ग्रहण नहीं किया जाता है।
पूजा विधि
सुबह स्नान करने के बाद पूजा स्थान को शुद्ध करें और व्रत का संकल्प लें, इसके बाद भगवान विष्णु की प्रिय वस्तुओं का अर्पण और भोग लगाएं. पीले वस्त्र और पीले रंग के मिष्ठान का भोग उत्तम माना गया है। इसके बाद पूजा आरंभ करें और व्रत का पालन करें.
निर्जला एकादशी मुहूर्त
🍁 एकादशी तिथि प्रारंभ: 01:08 PMसे (मंगलवार 30 मई 2023)
🍁एकादशी तिथि समाप्त: 01:46 PMतक (बुधवार 31 मई 2023)
🍁पारण मुहूर्त: 05:29से प्रातः08:08तक (गुरुवार 01जून2023)
🏵ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी का नाम दिया गया है। स्कंद पुराण के अनुसार इस एकादशी पर व्रत करने से सालभर की सभी एकादशियों के व्रत के बराबर पुण्य फल मिल जाता है।
🔶अगर कोई व्यक्ति पूरे साल की एकादशी पर व्रत और उपाय नहीं करता है तो उसे निर्जला का एकादशी पर विशेष उपाय और व्रत कर लेना चाहिए
🔷 सुबह जल्दी उठें और उठते ही सबसे पहले अपनी दोनों हथेलियां देखें। मंत्र बोलें- कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविंद, प्रभातेकरदर्शनम्।।
🔶 पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालें और स्नान करें। ऐसा करने से घर पर ही तीर्थ स्नान का फल मिल सकता है।
🔷 स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को जल चढ़ाएं। मंत्र बोलें ऊँ सूर्याय नम:।
🔶 किसी गरीब को या मंदिर में तिल, वस्त्र, धन, फल और मिठाई का दान करें।
🔷 अगर संभव हो सके तो किसी पवित्र नदी में स्नान करें। स्नान करते समय वरुण मंत्र- ऊँ वरुणाय नमः का जाप करें।
🔶 इस दिन निर्जल रहकर व्रत करना चाहिए। निर्जल यानी बिना पानी का व्रत। अगर निर्जल व्रत नहीं कर सकते हैं तो फलाहार और दूध का सेवन करते हुए व्रत कर सकते हैं।
🔷 इस तिथि पर स्नान के बाद घर के मंदिर में पूजा करें। पितरों के लिए तर्पण करें। किसी मंदिर जाकर भगवान के सामने धूप, दीप जलाएं। प्रसाद, हार-फूल, केसर आदि चीजें चढ़ाएं।
🔶 इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की भी विशेष पूजा करें। भगवान के सामने घी का दीपक जलाएं। माता पार्वती को सुहाग की चीजें अर्पित करें।
🔷 भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा जरूर करें। पूजा में भगवान विष्णु की किसी भी कथा का पाठ करें। कथा जैसे रामायण, सत्यनारायण की कथा, विष्णु पुराण आदि।
🔶 किसी नजदीकी शिव मंदिर जाएं और भगवान को नारियल, बिल्वफल, सीताफल, सुपारी, मौसमी फल आदि चीजें चढ़ाएं।
🔷निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाएं। इसमें तुलसी का पत्ता अवश्य डालें। तुलसी पत्र सहित खीर से भगवान विष्णु का भोग लगाने पर घर-परिवार में शांति बनी रहती है।
🔶निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पीले रंग के वस्त्र, फल और अनाज अर्पित करना चाहिए। भगवान विष्णु की पूजा के उपरांत इस चीजों को किसी ब्राह्मण को दान देना चाहिए। ऐसा करने से घर में कभी क्लेश नहीं होते हैं।
🔷 निर्जला एकादशी के दिन किसी गरीब को या मंदिर में तिल, वस्त्र, धन, फल और मिठाई का दान करें।
🔶 निर्जला एकादशी के दिन पीपल के पेड़ में जल अर्पण करना चाहिए। पीपल में भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।