आगरालीक्स…आगरा में आचार्य देवकीनंदन ठाकुर ने कहा—बंगलादेश में हिन्दुओं के साथ अत्याचार मामले में मौन न रहें सनातनी….
भीष्म को वाणों की शैया और जटायु को सद्गति प्राप्त हुई। क्योंकि भीष्म पितामह द्रोपदी के चीरहरण के समय मौन रहकर सत्य का साथ देने का साहस न जुटा पाए। वहीं माता सीता के हरण के समय जटायु एक पक्षी होकर भी उस लंकेश से भिड़ गया, जिससे इंद्र सभी देवता घबराते थे। आज जो सनातनी बंगालदेश में हिन्दुओं के साथ हो रहे अत्याचार पर मौन है, उनकी भी दुर्गति निश्चित है। देश के जवानों की जरूरत आज धर्म की रक्षा के लिए। अन्यथा 15-20 वर्ष से अधिक समय के लिए सुरक्षित नहीं हमारा देश। बंगलादेशियों को वापस बंगलादेश भेजो और बंगलादेश से हिन्दू भाई बहनों को भारत लाना सरकार का दायित्व है।
बाह के चौरंगा बीहड़ गांव के बजरंग आश्रम में आज श्रीमद्भागलत कथा में दूसरे दिन आचार्य देवकीनंदन ठाकुर ने श्रीमद्भागवत कथा में महाभारत के विभिन्न प्रसंगों की व्याख्या करते हुए कहा कि देश के युवाओ ने यदि अपना समय नाचने गाने और शराब में बर्बाद किया तो देश बी बर्बाद हो जाएगा। भारत को सुरक्षित रखना है तो सत्य और धर्म के मार्ग पर चलिए। दुनिया भर में सताए जाओगे को भारत में शरण लोगे, और जब भारत में ही सताए जाओगे तो कहां भागोगे।
समय की मजबूरी है इंग्लिश मीडियम में बच्चों को पढ़ाना। परन्तु बच्चों को हर रोज 10 से 15 मिनट भजन का अभ्यास करवाना चाहिए। इससे न केवल उनका चरित्र निर्माण होगा, बल्कि वे ईश्वर के प्रति आस्था और संस्कारों से जुड़ सकेंगे।
जहां सत्य है वहां कृष्ण हैं, जहां कृष्ण है वहां विजय है। श्रीकृष्ण ही ध्रुव सत्य है। परन्तु आज लोग असत्य का सहारा लेकर विजय जाहते हैं। असत्य से दुनिया को मूर्ख बनाया जा सरका है परन्तु परमात्मा को नहीं। अपने बच्चों को संस्कार दीजिए। किसी को गिराकर नहीं बल्कि किसी को सहारा देकर, ऊपर उठाकर विजयी बनना सिखाएं। कथा विश्राम के परान्त आरती कर सभी भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से अरुण चतुर्वेदी, पवन चतुर्वेदी, दीपक शर्मा, कृपाशंकर दीक्षित, अनुपम मिश्रा, वीरेन्द्र चतुर्वेदी, हिमांशु, अमृतांश, ओम, सूर्यांश अवधेष, राजेश, नरेश, हरिओम, पंकज, पवन, राघव आदि उपस्थित थे।
वर्शिप एक्ट की दुहाई देने वाले पहले 1992-93 में कश्मीर में गिराए मंदिरों को बनवाएं
आगरा। 1991 वर्शिप एक्ट की दुहाई देने वाले पहले यह बताएं कि 1992-93 में कश्मीर में गिराए मंदिरों को अब तक क्यों नहीं बनवाया गया। वक्फ बोर्ड मामलों में भी हिन्दू कोर्ट नहीं जा सकता और वर्शिप एक्ट मामले में भी हिन्दू कोर्ट नहीं जा सकता। और नके पास किसी के भी मकान और मंदिर में नोटिस चिपकाने की छूट है। हिन्दों के साथ यह विश्वासघात उन्होंने किया जो सनातन को नष्ट कर सिर्फ अपनी कुर्सी को बचाना चाहते थे। जातियों के भेदभाव से ऊपर उठे हिन्दू और एकजुट हों।
राम नाम के हीरे मोती मैं बिखराऊं गली-गली…
कता में आचार्य देवकीनन्दन ठाकुर ने भक्तिमय कीर्तन भी किया। संगीत की स्वरलहरियों संग सत्संग पर श्रद्धालुओं ने सिर्फ स्वर से स्वर मिलाए बल्कि नृत्य भी किया। राम नाम के हीरे मोती मैन बिखराऊं गली गली…, सूना लागे सारा देश वृन्दावन कुटिया बनाउंगी…, जैसे भजनों के बीच राधा रानी और श्रीकृष्ण के जयकारों से कथा पण्डाल गूंजता रहा।