Agra News: Shri Ram Katha is being organized in Kothi Meena market, thousands of devotees are listening to the story…#agranews
आगरालीक्स…हरि रूठे तो ठोर है, संत रूठे नहीं ठोर…कोठी मीना बाजार में आयोजित की जा रही श्रीराम कथा, हजारों की संख्या में कथा श्रवण कर रहे श्रद्धालु
जीवन में संत और गुरु को की नाराज मत करो। जीवन में सफलता और सही मार्ग के लिए गुरु का मार्गदर्शन बेहद जरूरी है। भगवन प्राप्ति के लिए भक्ति के साथ संत का आर्शीवाद भी बहुत जरूरी है। ईश्वर के पास जाकर बोलने का धार संत ही देते हैं। श्रीराम के परम भक्त विभीषण को श्रीहरि के दर्शन संत हनुमान से मिलने के बाद ही हुए। 14 माह तक मैया सीता लंका में रही, परन्तु बजरंग बली से मिले बिना लंका में रहते हुए भी उनके दर्शन नहीं कर पाए। अरण्य काण्ड में जयन्त द्वारा कौवा बनकर मैया सीता के पैर में चोंच मारने के प्रसंग के साथ आज कोठी मीना बाजार में आयोजित श्रीराम कथा में स्वामी रामस्वरूपाचार्य महाराज ने संत और गुरु कृपा का वर्णन किया।

श्री कामतानाथ सेवा समिति द्वारा चित्रकूट धाम (कोठी मीना बाजार) में आयोजित श्रीराम कथा में आज श्री कामदगिरि पीठाधीश्वर श्रीमद् जगतगुरु राम नंदाचार्य स्वामी रामस्वरूपाचार्य महाराज ने ब्रह्मदाम सिवपुर सब लोका, फिरा श्रमित व्याकुल भय सोका… दोहे के माध्यम से बताया कि इंद्र का पुत्र जयन्त श्रीराम के वाण से बचने के लिए ब्रह्मलोक और शिवपुरी सब लोक गूमा। परन्तु समाधान संत नारद ने किया। नारद देखा बिकल जयन्ता, लगि दया कोमल चित संता… का वर्णन करते हे कहा कि नारद जी ने जयन्त को चित्रकूट में श्रीराम की शरण में भेजा जान बचाने के लिए। तभी जयन्ती के प्राण बचे। एक बार को भगवान रूठ जाएं तो ठोर है, परन्तु संत और गुरु के रूठने पर कहीं ठोर नहीं। कथा से पूर्व यज्ञाचार्य राहुल रावत के मार्गदर्शन में बनारस से आए 21 ब्राह्मणों द्वारा वैदिक विधि से यज्ञ सम्पन्न कराया।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष जय भोले जी, धर्मेंद्र त्यागी जी, संतोष शर्मा जी, श्रीकांत त्यागी जी,अतुल भादोतिया,आचार्य अनुराग शास्त्री जी, आचार्य अनूप शास्त्री, शिवकुमार मुदगल, अमरकांत त्यागी, प्रमेंद्र कुमार शर्मा, मोहित वर्मा,महावीर त्यागी,राहुल परासर,दौलतराम चौधरी, शिवसेवक शर्मा, कृष्णसेवक,हरिसेवक आदि उपस्थित थे।
श्रद्धालुओं को 1500 तुलसी के पौधे वितरित किए
आज कथा में देवेंद्र कुमार त्यागी बास बाला व रामबाग निवासी डॉ. रविकांत त्यागी द्वारा श्रद्धालुओं को 1551 तुलसी के पौधे वितरित किए गए। जिससे महाराज का घर-घर तुलसी दल और घर-घर रामायण का संकल्प में मदद हो सके। क्रीड़ा भारती संस्था द्वारा प्रसाद वितरण में सहयोग किया जा रहा है।
रामायण से जुड़िए, गृह क्लेश के झंझट से मुक्त हो जाएंगे
स्वामी रामस्वरूपाचार्य महाराज ने आज श्रीराम राम कथा में परिवार में बढ़ते क्लेश पर व्यांगात्मक लहजे में कहा कि आज पत्नी जब पहली बार ससुराल आती है तो पति के लिए कहती है, तू ही तू…, दूसरी बार में बस तू और मैं और तीसरी बार में तू-तू मैं-मैं शुरु हो जाती है। कहा संतोषी बनिए, श्रीराम कथा से जुड़िए तो गृह क्लेशों से मुक्त हो जाएंगे। भरत मिलाप के समय भरत द्वारा श्रीराम की आज्ञा को सिर पर श्रीराम की पादुका ग्रहण कर अयोध्या वापस जाने का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि ऐसे सम्बंध जो धर्म संकट पैदा करें वह अज्ञानी लोगों के होते हैं। छोटा भाई कोई गलती करे तो दूरियां नहीं, सम्वाद करें। भाई को सम्भालें। बिना रामायण पढ़े इंसानियत नहीं आ सकती। इंसान के अन्दर इसानियत का होना जरूरी है। आजकल बैवानियत का प्रचार हो रहा है। सिर्फ राम चरित मानस ही घर की व्यता को दूर करने में सामार्थवान वान है। पुरानी परम्परा तो यही थी कि घर-घर रामायण हो। घर में रामायण रखिए और प्रतिदिन पांच चौपाईयां पढ़िए।