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Agra News: Shri Siddhi Vinayak Temple of Gokulpura is as ancient as Taj Mahal in Agra…#agranews

आगरालीक्स…आगरा का यह ऐतिहासिक गणेश मंदिर ताजमहल जितना प्राचीन. ग्वालियर के सिंधिया राजघराने से जुड़ा है इसका इतिहास. जानें इस मंदिर की महिमा

आगरा शहर में अकेले गणेश का विग्रह गोकुलपुरा राजामण्डी मोहल्ले में गणेश जी का एकमात्र ऐतिहासिक श्री सिद्धी विनायक मन्दिर है। इसकी स्थापना आज से लगभग 378 वर्ष पहले सम्वत् 1700 ( सन् 1646 ई0 ) में की गई थी। मराठा सरदार महादाजी सिंधिया द्वारा पुन: जीर्ण उद्धार एवं मन्दिर की स्थापना सन् 1760 में की गयी तथा मन्दिर में एक पीपल का वृक्ष भी लगाया। उन दिनांक वह ग्वालियर के शासक थे तथा आगरा प्रवास में उन्होनें डेरा गणेश मन्दिर की स्थापना की। जो कालान्तर में सिद्धी विनायक के नाम से लोकप्रिय हो गया। कालान्तर में ग्वालियर राज्य के विस्तार के साथ महादाजी सिन्धिया की ओर से इस मन्दिर की देखभाल तथा नियमित खर्च (सेवा-पूजा) के लिए आठ आना प्रतिदिन का आज्ञा पत्र (सनद) मराठा शासन के नाम जारी किया गया मन्दिर के पुजारी के पास ऐतिहासिक धरोहर आज भी सुरक्षित है।

पंडित ज्ञानेश शास्त्री
महंत

गुजराती (नागर) और मराठा परिवारों की आस्था के केन्द्र के रूप में प्रतिष्ठित इस मन्दिर में अपने आगरा प्रवास के दौरान ग्वालियर नरेश महादजी सिंधिया नियम पूर्वक अपनी उपस्थिति में पूजन-अर्चन कराते रहे। उन्होनें ही चतुर्थी के दिन शाही संरक्षण में धूमधाम के साथ गणेश शोभायात्रा की शुरूआत कराई जो सन् 1860 तक जारी रही तथा एक हमले के कारण बन्द होने के बाद भारत की स्वतंत्रता के उदय के साथ सन् 1959 में पुनः प्रारम्भ हुई तथा एक परम्परा के रूप में यथावत हैं सम्भवतः आगरा में गणेशोत्सवों की परम्परा में यह सबसे प्राचीन धर्म स्थल है।
भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी का महत्व:- इस तिथि को विशिष्ट रूप से श्री गणेश जी के आयोजन मनाये जाते हैं। यह तिथि अनेक दृष्टियों में महत्वपूर्ण है।

श्री गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को ही हुआ था । तब भगवान शिव के कैलाश पर्वत पर इसी जन्मोत्सव को मनाने का आयोजन किया था । सिन्दूर दैत्य पर भी श्री गणेश जी ने इसी तिथि को विजय प्राप्त की थी । इसलिए भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी पर पार्थिव पूजन का विधान है। इस चतुर्थी को डांडिया चतुर्थी के भी नाम से जाना जाता है तथा छोटे बच्चों द्वारा डांडिया का पूजन कराया जाता है तथा पट्टी पूजन भी कराया जाता है।

चन्द दर्शन क्यों नहीं: – इस व्रत के गंभीर आध्यात्मिक उद्देश्य हैं चतुर्थी का अभिप्रायः जागृति स्वप्न, सुशुप्ति के उस पार की तुरीय अवस्था से लिया जाता है जिसे जीवन का अन्तिम लक्ष्य माना जाता है उस दिन चन्द्र दर्शन को निषेध माना जाता है। क्योंकि चन्द्र मन की सन्तप्ति है । आध्यात्मिक क्षेत्र में उसे मन का प्रतीक और पर्यावाची माना जाता है जब मन असंयमित होता है तो किसी भी आध्यात्मिक साधना में प्रगति नहीं हो सकती। मन का विग्रह है सभी शुद्धियों का श्रृल माना जाता है । अतः सभी साधनायें इसी पर ही केन्द्रित रहती है। इस पर विजय प्राप्त किये बिना तुरीय अवस्था तक पहुंचना असम्भव है। आज के दिन बच्चों का पट्टी पूजन शिक्षा का श्री गणेश भी होता है । इसलिए बच्चों का चन्द्रमा मन एकाग्रता प्राप्त करें। इस दिन चन्द्र दर्शन न किया जाये
अर्थात् मन पर विजय प्राप्त करने का प्रयत्न किया जाये अथवा मौनवस्था की ओर लाया जाये तो लक्ष्य की प्राप्ति में सुविधा होगी।

मनीष शर्मा
महंत

गणपति के अचूक उपायः-
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए:-
कमल गट्टे की माला चढ़ायें

मनोकामना पूर्ति के लिए:-
नारियल चढ़ायें व सिन्दूर अर्पित करें

विद्या प्राप्ति व परीक्षा में सफलता के लिए:-
घी व गुड़ चढ़ायें।

कर्ज से मुक्ति के लिए:-
खीर व कमल के फूलों की माला चढ़ायें

विवाह कामना के लिए:-
हल्दी की 7 गांठे पीले चावल व पीली मिठाई चढ़ायें

सन्तान प्राप्ति की कामना हेतु:-
तिल से बनी मिठाई व पान का बीड़ा चढ़ायें

सुख शान्ति एवं समृद्धि हेतु :-
मोदक व दुर्वा चढ़ाये

व्यापार में वृद्धि व वैभव हेतु:-
शमी के 5 पत्ते व पीले रंग का पीताम्बर अर्पित करें

रोग मुक्ति हेतु:-
हरे मूंग व गुड़ चढ़ायें व घी की 8 बत्ती का दीपक जलायें

गणेश जी की स्थापना का शुभ महूर्त दिनांक 07-09-2024 को प्रातः 11:03 से दोपहर
1:34 तक
चतुर्थी तिथि 06 सितम्बर 2024 को 03:01 दोपहर से प्रारम्भ होकर 07 सितम्बर 2024 को 5:33 दोपहर तक रहेगी । उदयी तिथि के अनुसार गणेश चतुर्थी 07 सितम्बर 2024 शनिवार को मनाई जायेगी ।
स्थापना की विधि
पीत वस्त्र पर चावल का स्वास्तिक बनाकर उस पर गणेश जी स्थापित करें। फिर पंचोपचार व षोडषाचार पूजन करें ।
गणेश जी पर विशेष रूप से हरी दुर्वा चढ़ायें, घी का दीपक जलायें, मोदक पंच मेवा व पाँच फलों का भोग लगायें, नारियल, ताम्बुल व सुपारी चढ़ायें।

पं0 ज्ञानेश शास्त्री जी
महन्त श्री सिद्धी विनायक मन्दिर
गोकुलपुरा, आगरा (कैलाश मंदिर सिकन्दरा, आगरा)
मो0-9690701709

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