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Agra News: The never-ending process of development of neurosurgery…#agranews
आगरालीक्स…आगरा में जुटे देश—विदेश के टॉप न्यूरोसर्जन. रोबोट की एंट्री, दूरबीन से स्पाइन सर्जरी और न्यूरोसर्जरी के विकास पर इन न्यूरोसर्जंस का ये है कहना…
मेडिकल इंजीनियरिंग के साथ न्यूरोसर्जरी में रोबोट की एंट्री: डाॅ. अक्यो मोरिता
जापान न्यूरोसर्जिकल सोसाइटी का नेतृत्व कर रहे डाॅ. अक्यो मोरिता ने बताया कि न्यूरोसर्जरी में रोबोट की एंट्री हो चुकी है लेकिन इस पर अभी भी बहस छिड़ी है। इससे सर्जरी के अच्छे रिजल्ट हो सकते हैं लेकिन न्यूरोसर्जरी के दौरान नर्व डैमेज भी घातक है। इसलिए इस क्षेत्र में मेडिकल इंजीनियरिंग के साथ रोबोटिक्स की ओर ध्यान जाता है। रोबोटिक सर्जरी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस बहुत जरूरी है। हालांकि समय के साथ तकनीकी विकास हुआ है और न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में मेडिकल इंजीनिरिंग और रोबोटिक्स का इस्तेमाल हो रहा है।
दूरबीन से स्पाइन सर्जरी 90 फीसद तक सफलः डाॅ. वाईआर यादव
सुभाष चंद्र बोस मेडिकल काॅलेज जबलपुर के न्यूरो सर्जरी विभाग अध्यक्ष डाॅ. वाईआर यादव ने बताया कि कमर दर्द पांच दिन से ज्यादा रहे और हाथ-पैर सुन्न हो जाएं या झनझनाहट महसूस हो तो देर न करें। यह रीढ़ की हड्डी से जुड़ी दिक्कत हो सकती है। मिनीमल इनवेसिव स्पाइजन सर्जरी (दूरबीन) से आॅपरेशन किया जाता है। न्यूरोसर्जरी के कुल मामलों में 50 फीसद तक स्पाइन सर्जरी के भी आते हैं। हाथ पैर में कमजोरी, दर्द बना रहना और सुन्नता रीढ़ की हड्डी में कुशन का काम करने वाली डिस्क के प्रभावित होने का संकेत है।

न्यूरोसर्जरी का विकास कभी न थमने वाला सिलसिलाः डाॅ. आरसी मिश्रा
आयोजन अध्यक्ष और वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डाॅ. आरसी मिश्रा ने बताया कि 19 वीं सदी के पहले चिकित्सा की पढ़ाई फिजीशियन और सर्जन तक ही सीमित थी, लेकिन तकनीक के विकास, सोच और मानव शरीर रचना की बेहतर समझ के कारण इसका विशेषज्ञता में विभाजित होना जरूरी हो गया। विशेषज्ञों ने 20 वीं सदी में इसे सुपर स्पेशियलिटीज में विभाजित किया। 21 वीं सदी में एमआरआई, पेट स्कैन और बेहतर रिजाॅल्यूशन युक्त सीटी स्कैन हमारे सामने मौजूद हैं। इसके बाद भी सिलसिला थमा नहीं है मेडिकल इंजीनियरिंग और रोबोटिक्स का क्षेत्र संभावनाओं से भरपूर है। हालांकि रोबोटिक्स एक सर्जन के कौशल को प्रतिस्थापित नहीं कर सकता है। रोबोटिक न्यूरोसर्जरी का क्षेत्र अभी विकास के प्रारंभिक चरण में है।
शैक्षणिक हितों, विचारों, नवाचारों का आदान-प्रदान: डाॅ. अरविंद कुमार अग्रवाल
आयोजन सचिव व वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डाॅ. अरविंद कुमार अग्रवाल ने बताया कि यह अधिवेशन शैक्षणिक हितों, विचारों और नवाचारों का आदान-प्रदान करने के लिए चिकित्सकों को अवसर देता है। यह बड़े पैमाने पर मानव जाति के लिए कल्याण के लिए तंत्रिका विज्ञान के क्षेत्र में और अधिक शोध एवं ज्ञान के आदान-प्रदान करने के लिए प्रयासों और मानव उत्कृष्टता का जीवंत प्रमाण है। सम्मेलन के पहले दिन एक्यूट स्ट्रोक मैनेजमेंट, न्यूरो इनफेक्शन, न्यूरो इंल्फिमेशन, मूवमेंट डिस्आॅर्डर, न्यूरो रिहेबिलिटेशन, न्यूरो क्रिटिकल केयर, कार्डियोएम्बोलिक स्ट्रोक, केरोटिड आर्टिज स्टेंटिंग अपडेट, काॅम्पलेक्स एन्यूरिज्म अपडेट, सिरदर्द एवं मिर्गी समेत कई अहम विषयों पर चर्चा हुई।