Agra News: Possibility of strong storm with hailstorm in Agra.
Agra News: The new generation is preferring to go to the hill station rather than to Nani’s house…#agranews
आगरालीक्स…नाना-नानी के घर छुट्टी अब पुराने जमाने की बात, नई जनरेशन हिल स्टेशन जाना चाहती है, बच्चों की खुशी से बढ़कर कुछ नहीं, क्या आपके घर में भी यही चर्चा है, जानिए क्यों बढ़ी यात्रा में दिलचस्पी और कहां घूमने जा रहे लोग
गर्मियों की छुट्टी का नाम आते ही बचपन याद आने लगता है। सबका हाॅलिडे डेस्टिनेशन नाना-नानी या मामा-मामी का घर होता था। पूरे साल इंतजार होता था कि कब छुट्टियां होंगी और वहां जाने का मौका मिलेगा। मगर अब यह गुजरे जमाने की बात है। आज बच्चे नाना-नानी के घर नहीं बल्कि हिल स्टेशन जाना चाहते हैं, सैर सपाटा करना चाहते हैं।
वृंदावन की रहने वालीं भारती छुट्टियों में अपने बच्चों के साथ माता-पिता के घर कुछ दिन रहने आती थीं लेकिन इस साल मायके नहीं जा पा रही हैं। बच्चों की जिद है कि नाना-नानी के घर बाद में भी जा सकते हैं। अभी हरिद्वार या ऋषिकेश चलते हैं। अगर समय मिला तो देहरादून और मसूरी भी होकर आएंगे। आखिरकार भारती इस साल अपने माता-पिता के घर रहने नहीं आ रही हैं, वे बच्चों का मन रखने के लिए हरिद्वार जाने वाली हैं। छीपीटोला के रहने वाले आदित्य कीं पत्नी शिक्षिका हैं। गर्मियों की छुट्टी हैं तो उनके घर में उज्जैन जाने का प्लान बना है। अर्जुन नगर निवासी जगमोहन के बच्चों की छुट्टियां हो गई हैं। वे इस साल केदारनाथ यात्रा पर जा रहे हैं। हर साल कहीं अलग स्थान पर जाते हैं। माता-पिता भी केदारनाथ यात्रा पर हैं। गर्मियों की छुट्टियां हो चुकी हैं और आगरा में घर-घर बस यही प्लानिंग हो रही है कि कैसे सस्ते में एक शानदार ट्रिप प्लान की जाए। हालांकि इसे लेकर तरह-तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि कोविड के चलते बीते कुछ सालों में जिस तरह से लोगों को जीना पड़ा है वे उन बुरी यादों से भी उभरना चाहते हैं। अधिकांश लोग घूमना चाहते हैं। वे बाहर जाना चाहते हैं।
अपने बचपन को याद करते हुए दयालबाग निवासी विनायक कहते हैं कि वह समय भी अलग था। न होमवर्क का बोझ और न विज्ञान के माॅडल बनाने की चिंता। इस छुट्टी के आते ही मौज-मस्ती का दौर शुरू हो जाता था। सबकी डांट-डपट से दूर नाना-नानी के घर जाना और वहां के दोस्तों के साथ खेलों में कब समय बीत जाता कुछ पता ही नहीं चलता। अब तो स्कूलों से बच्चों को होमवर्क ही इतना मिल जाता है कि दो-चार दिन ही कहीं घूमने जा सकते हैं। ऐसे में महीनों नाना-नानी के घर जाने से अच्छा है बच्चों को हिल स्टेशन घुमाया जाए। तीन से चार दिन की ट्रिप हो।
आगरा की बात करें तो हिल स्टेशन के साथ ही पर्यटन क्षेत्र में सैर सपाटा और धार्मिक स्थलों पर घूमने एवं धार्मिक यात्रा पर जाना पहली पसंद है। ट्रेनों एवं निजी वाहनों में अग्रिम बुकिंग हो रही है। इसलिए अभी से कुछ प्रमुख ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची लंबी है। ऐसे में लोग टैªवल एजेंसी के जरिए टैक्सी, कार आदि की बुकिंग करा रहे हैं। लोगों की सबसे पहली पसंद, हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, मसूरी, शिमला, नैनीताल, हिमाचल प्रदेश के ठंडे शहर हैं। इसके बाद माता वैष्णो देवी, खाटू श्याम, बालाजी, मथुरा-वृंदावन, शिरडी के सांई बाबा, तिरूपति बाला जी, रामेश्वरम आदि धार्मिक स्थल की यात्रा भी तय हैं।
सिकंदरा के रहने वाले अश्वनी ट्रैवल इंडस्ट्री से जुड़े हैं। वे बताते हैं कि सोलो बैग पैकर्स, फैमिली ट्रिप या ग्रुप टूर चाहने वाले डेस्टिनेशन प्लानर्स से संपर्क कर रहे हैं। वे पैकेज बुक करना चाहते हैं। इस समय गर्मियों की छुट्टियों के कारण अधिकांश लोग ट्रिप प्लान कर रहे हैं जबकि काॅरपोरेट साल में कभी भी अपने एंपलाइज को टूर प्लान करते हैं। आजकल दो नेशनल और एक इंटरनेशनल ट्रिप बिजनेस स्कूल, एमबीबीएस, बीबीए आदि कोर्सेज में दाखिला लेने के प्लान में ही शामिल होती हैं। वहीं कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को मोटिवेट करने के लिए टूर प्लान गिफ्ट में देती हैं। अप्रैल, मई और जून के महीनों में और क्रिसमस, न्यू ईयर के दिनों में सीजन फुल होता है। जबकि जुलाई, अगस्त और सितंबर के महीनों में यह डाउन हो जाता है।