आगरालीक्स…आगरा के डॉक्टर भाई मेडिकल टूरिज्म को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रहे हैं. एक स्पाइन सर्जन हैं तो दूसरे रोबोट से विदेशी मरीजों का आगरा में घुटना और कूल्हा प्रत्यारोपण कर रहे हैं.
डॉक्टर भाई ताजनगरी में मेडिकल टूरिज्म के नई पहचान दिलवाने में जुटे हुए हैं। बोन हॉस्पिटल, प्रतापपुरा में स्पाइन सर्जन डॉ. देवाशीष शर्मा से रीढ़ की हड्डी के दर्द की समस्या के साथ ही सर्जरी कराने के लिए 12 देशों से मरीज आ रहे हैं। वहीं, उनके छोटे भाई घुटना प्रत्यारोपण और रोबोटिक सर्जन डॉ. डीपी शर्मा से घुटना और कूल्हा प्रत्यारोपण के लिए नेपाल सहित पड़ोसी देशों से मरीज बोन हॉस्पिटल में आ रहे हैं। मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया।
बिकनी और रोबोटिक सर्जरी से हो रहे प्रत्यारोपण
बोन हॉस्पिटल के निदेशक वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. डीवी शर्मा के बड़े बेटे डॉ. देवाशीष शर्मा स्पाइन सर्जन हैं और अत्याधुनिक तकनीकी से रीढ़ की हड्डी की सर्जरी कर रहे हैं। वहीं, छोटे बेटे डॉ. डीपी शर्मा, घुटना, कूल्हा प्रत्यारोपण के विशेषज्ञ हैं और अत्याधुनिक बिकनी और रोबोटिक सर्जरी कर रहे हैं। बोन हॉस्पिटल में नेपाल के बीरगंज से आए दीपेंद्र गिरे के कूल्हे में समस्या थी, उन्हें डॉ. डीपी शर्मा द्वारा अत्याधुनिक विधि से टोटल हिप रिप्लेसमेंट करने की जानकारी मिली। सर्जरी कराने के लिए वे यहां आए, यहां उनकी सर्जरी की गई। इसके साथ ही काठमांडु, नेपाल से आए केशव धिमिगिरि के चार साल से कूल्हे में दर्द था, नेपाल में कई जगह इलाज कराया लेकिन आराम नहीं मिला। उन्होंने बताया कि बोन हॉस्पिटल में सर्जरी का खर्चा नेपाल की तुलना में कम है और अत्याधुनिक तकनीकी से सर्जरी की गई है, सर्जरी के बाद ही चलने लगे और दर्द में भी राहत मिल गई।
अत्याधुनिक तकनीक से रिजल्ट बहुत अच्छे
डॉ. डीपी शर्मा ने बताया कि अत्याधुनिक बिकनी और रोबोट की मदद से कूल्हा और घुटना प्रत्यारोपण से मरीज 24 घंटे में ही चलने लगता है, रिजल्ट बहुत अच्छे हैं। अधिकांश ऐसे लोग जो कामकामी हैं उनका काम भी प्रभावित नहीं होता है। डॉ. देवाशीष शर्मा ने बताया कि बैठने के तरीके से लेकर खान पान के कारण रीढ़ की हड्डी की समस्या बढ़ी है। अत्याधुनिक तकनीकी से सर्जरी से दर्द ठीक हो जाता है और मरीज पहले की तरह से ही काम कर सकता है। नेपाल से आए दोनों मरीजों को डिस्चार्ज करते समय महिला आयोग की पूर्व सदस्य निर्मला दीक्षित, जिनकी सर्जरी भी बोन हॉस्पिटल में की गई। बोन हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. डीवी शर्मा आदि मौजूद रहे।