आगरालीक्स… आगरा पुलिस को 76 पीआरवी वैन मिली हैं। 100 नंबर पर फोन करते ही लखनऊ स्थित इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम के मॉनीटर पर उसकी लोकेशन, मोबाइल नंबर तथा स्थान आ जाएगी। कंट्रोल रूम यह देखेगा की घटनास्थल के नजदीक कौन सी पीआरवी (पुलिस रेस्पांस व्हीकल) है। इसके बाद उस पर तैनात पुलिसकर्मी के टैबलेट पर मैसेज आ जाएगा। पीआरवी के घटनास्थल पर रवानगी और पहुंचने का कंट्रोल रूम की डिजीटल डायरी में रिकार्ड होगा।
पुलिस मुख्यालय से जिले को अत्याधुनिक तकनीक से लैस 25 इनोवा और 51 बुलेरो के रूप में पुलिस रेस्पांस व्हीकल पीआरवी वैन मिली हैं। पीआरवी वैन के आने से वारदात के बाद सीमा विवाद खत्म हो जाएगा। पीड़ित के 100 नंबर पर फोन करते ही पुलिस मुख्यालय, लखनऊ के कंट्रोल रूम में घंटी बजेगी। थाने के फोर्स की जगह पीआरवी घटनास्थल पर पहुंचेगी।
इन वाहनों में मोबाइल डाटा टर्मिनल (एमडीटी) लगा है। इसे पुलिस ने सभी जिलों के मैप से संबद्ध कर रखा है। कंट्रोल रूम को फोन करते ही वहां से वैन पर लगे एमडीटी के चलते पीड़ित का मोबाइल नंबर, नाम और जगह आ जाएगी।
बेहतर पुलिसिंग के लिए यूपी 100 पीआरवी
बेहतर पुलिसिंग के लिए यूपी 100 का ब्लू प्रिंट तैयार करने से पहले अधिकारियों की टीम ने अमेरिका, स्कॉटलैंड यार्ड, जापान, इंडोनेशिया आदि देशों पुलिस की कार्यप्रणाली का अध्ययन किया था। इसके बाद यूपी 100 को बनाया गया। इन वाहनों में जीपीएस सिस्टम भी लगाया गया है। गाड़ियों में पेट्रोल के लिए क्रेडिट कार्ड दिए जाएंगे।
Leave a comment