आगरालीक्स ….आगरा में सडक धंसने से गडढे में गिरा युवक जिंदगी के लिए छटपटाता रहा, उसके एक हाथ में खाना था, दूसरा हाथ पानी के बाहर, पूरा हादसा प्रत्यक्षदर्शी की जुबानी
गुरुवार को हुई बारिश से शाम चार बजे भगवान टॉकीज चौराहे के पास हीरो बाइक के शोरूम के सामने सडक धंस गई। इससे वहां गडढा हो गया, स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत नगर निगम और पुलिस अधिकारियों से की, लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया। सर्विस लेन पर गड्ढा होते ही आस पास के लोगों ने वहां कई डिब्बे रख दिए थे ताकि कोई गड्ढे के पास न जाए। लेकिन बारिश में डिब्बे बह गए। सड़क पर पानी भर गया तो गड्ढा नजर नहीं आ रहा था। रात आठ बजे ट्रैफिक जाम हो गया था। इससे बचने के लिए पैदल जा रहा युवक सर्विस लेन के किनारे चलने लगा। वह फ्लाईओवर के नीचे जाना चाहता था। इसी के पास गड्ढा था। उसी समय एक युवक गडढे में गिर गया, उसे बचाने के लिए स्थानीय लोग आ गए।
प्रत्यक्षदर्शी दीपक की जुबानी
युवक को गडढे में गिरते हुए कैलाशपुरी निवासी दीपक ने देख लिया, उसका वहां पार्किंग का ठेका है। वह दौड कर गडढे के पास पहुंच गया, सडक पर लेट गया और अपने एक हाथ से गडढे में डूब रहे युवक का हाथ थाम लिया, उससे कहा कि दोनों हाथ से मेरा हाथ पकड लो, उसने दूसरा हाथ बढाया, लेकिन उसमें पॉलिथिन में खाना था, दीपक ने कहा कि पॉलिथिन फेंक कर दोनों हाथ से हाथ पकड लो, लेकिन युवक ने खाना नहीं छोडा, इसके बाद दीपक ने एक बार और कहा, इस पर भी उसने खाना नहीं छोडा, धीरे धीरे कर उसकी पकड कमजोर होती गई और वह गडढे में डूब गया।
रस्सी और बांस डाला, लेकिन हुई मौत
गडढे में युवक के डूबने पर लोगों की भीड जुट गई, उन्होंने भी उसे बाहर निकालने के प्रयास शुरू कर दिए। कुछ लोग रस्सी और बांस ले आए, उसे गडढे में डाल दिया। मगर, तब तक युवक की मौत हो चुकी थी, रस्सी और बांस से उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
पुलिस नहीं आई, 45 मिनट बाद निकाला शव, तोडफोड
थाने से कुछ ही दूरी पर हुए हादसे के बाद भी पुलिस नहीं आई, स्थानीय लोग युवक को गडढे से बाहर निकालने में जुट गए। करीब 45 मिनट के बाद युवक के शव को बाहर निकाला जा सका। युवक की शिनाख्त नहीं हो सकी है। इससे आक्रोशित लोगों ने वाहनों में तोडफोड कर दी और जाम लगा दिया।
एनएचएआई, नगर निगम कौन है दोषी
शहर में सिक्स लेन के लिए फ्लाईओवर निर्माण का कार्य चल रहा है, इससे सर्विस रोड पर वाहनों की संख्या बढ गई है। एनएचएआई मनमर्जी से काम कर रहे हैं, काम की गति धीमी है, सर्विस रोड पर तमाम गडढे हैं, लेकिन वे स्थानीय अधिकारियों की नहीं सुनते हैं। इसी तरह नगर निगम के अधिकारी भी बेपरवाह हैं, उनका सडक पर हुए गडढों पर ध्यान नहीं जा रहा है।