आगरालीक्स …आगरा में असामाजिक तत्वों ने भारत माता की मूर्ति को खंडित कर दिया, इससे आक्रोशित हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया, जाम लगा दिया। एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह का कहना है कि प्रतिमा खंडित करने वालों का सुराग लगा गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
आगरा में दीवानी क्रासिंग पर 17 जून 2000 में भारत माता की मूर्ति स्थापित की गई थी, उस दौरान वर्तमान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारत माता की मूर्ति का अनवारण किया था। वहीं, गुरुवार मध्य रात्रि दीवानी चौराहे पर लगी भारत माता की प्रतिमा को खंडित कर दिया। शुक्रवार सुबह एक संस्था के सदस्य दिनेश सिंह और रोहित अग्रवाल दीवानी चौराहे से निकल रहे थे। उनकी नजर भारत माता की प्रतिमा पर पड़ी, उनके जिस हाथ में तिरंगा था उसे तोड कर दिया था और तिरंगा भी नहीं था। इसकी जानकारी होने पर हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा नेता और विधायक पहुंच गए। उन्होंने आरोपी को पकडने की मांग करते हुए जाम लगा
इस पर एसपी प्रोटोकॉल विद्यासागर मिश्र, एडीएम सिटी धर्मेद्र सिंह समेत अन्य अधिकारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। लोगों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाने का प्रयास किया। अधिकारियों द्वारा प्रतिमा की निगरानी को सीसीटीवी कैमरे लगाने तथा पुलिस पिकेट की स्थाई तैनाती का आश्वासन देने के बाद करीब दो बजे हंगामा और जाम खत्म हुआ।
रूट डायवर्ट करना पडा
जाम में दर्जनों वाहन और एंबुलेंस भी फंस गई। कुछ ही देर में जाम लंबा होता चला गया। इसके चलते रूट डायवर्ट करना पडा। हंगामा बढता देख पुलिस के हाथ पांव फूल गए। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने समझा बुझाने का प्रयास किया, लेकिन हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता भारत माता की मूर्ति को खंडित करने का दुस्साहस करने वालों को पकडने की मांग करने लगे। जाम के चलते पुलिस को भगवान टॉकीज से आने वाले वाहनों का रूट डायवर्ट कर जज कंपाउंड होकर निकालना पड़ा।
4 नवंबर 2012 में भी असामाजिक तत्वों खंडित कर दिया था
दीवानी क्रासिंग पर लगी भारत माता की प्रतिमा को चार नवंबर 2012 में भी असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया था। जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया था। हिन्दूवादी संगठनों ने मूर्ति तोड़े जाने के विरोध में काफी बवाल किया था। भारत विकास परिषद ने इसे जयपुर से बनवाकर दोबारा लगवाया था। उस दौरान पुलिस प्रशासन ने सीसीटीवी कैमरा लगाने और दो सिपाही तैनात करने को कहा था। सीसीटीवी कैमरे तो नहीं लगे। दो सिपाही भी चार महीना ड्यूटी करने के बाद हटा दिए गए।
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