Bhishma Dwadashi fasting brings happiness and prosperity
आगरालीक्स… भीष्म द्वादशी का व्रत करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है। सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। माघ मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 24 फरवरी की है।
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान अलीगढ़ के अध्यक्ष एवं ज्योतिष पं. हृदय रंजन शर्मा के मुताबिक द्वादशी का व्रत फलदायी होता है। इस दिन प्रातः स्नान के बाद पंचामृत से देव को स्नान कराना चाहिए। केले के पत्ते, सुपारी, तिल, मोली, रोली, कुमकुम आदि से भगवान लक्ष्मीनारायण की पूजा करनी चाहिए। भुने हुए गेहूं और चीनी से प्रसाद तैयार किया जाता है। लक्ष्मीनारायण पूजन के बाद अन्य देवी-देवताओँ की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद चरणामृत का प्रसाद वितरण और दान किया जाता है।
-भीष्म ने माघ महीने में अष्टमी के दिन सूर्य के उत्तरायण की उपस्थित में अपने जीवन का त्याग किया था। इस दिन पांडवों द्वारा भीष्म का अंतिम संस्कार किया गया। इस दिन को भीष्म द्वादशी के रूप में जाना जाता है। इसलिए मान्यता है कि इस दिन पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध करना लाभकारी माना जाता है।
-इस व्रत में ऊं नमो नारायणाय मंत्र, विष्णु सहस्रनाम का पाठ किया जाना चाहिए। इससे अनजाने में किए गए पापों से छुटकारा मिलता है।