आगरालीक्स.. आगरा में डॉक्टरों की संख्या अविरल ने मां के दूध में लाॅग चैन पाॅलीअनसेचुरेटेड होते हैं, ये मष्तिक का विकास करते हैं। स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत अविरल संस्था द्वारा विनायक हॉस्पिटल सिकंदरा में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। महिलाओं को स्तनपान कराने का तरीका और उसके लाभ की जानकारी दी। इस दौरान डॉ सीमा सिंह, डॉ सलिलि भारद्वाज, डॉ अनीता, डॉ अंजना, डॉ मुकेश, डॉ रश्मि, डॉ प्रीति, डॉ अलका, डॉ अंशुल,डॉ अनंग, डॉ संगीता आदि मौजूद रहे।
शिशु के लिए स्तनपान के फायदे…..
– मां का दूध बच्चे के लिए प्रकृति का सबसे बेहतरीन आहार है। इसमें मौजूद तत्व आपके शिशु की आंतों के लिए अनूकूल हैं। इसलिए यह आसानी से पच जाता है।
– स्तनपान शिशु को अपने शरीर का तापमान सामान्य रखने में मदद करता है। उसे गर्माहट प्रदान करता है।
– त्वचा से त्वचा का स्पर्श मां और शिशु के बीच भावनात्मक बंधन को और मजबूत बनाता है।
– मां का दूध शिशु को संक्रमण से लडने में मदद करता है। इसमें रोग प्रतिकारक एंटीबाॅडीज होते हैं जो शिशु की गेस्टोएंटेराइसिस, सर्दी-जुकाम, छाती में इनफेक्शन और कान के संक्रमण आदि से रक्षा करते हैं।
– मां के दूध में लाॅग चैन पाॅलीअनसेचुरेटेड वसीय अम्ल होते हैं, जो शिशु के मस्तिष्क के विकास में बेहद जरूरी हैं।
– स्तनपान से लाभकारी प्रोबायोटिक बैक्टीरिया मिलते हैं, जो शिशु के पाचन तंत्र में किसी प्रकार की सूजन, दर्द या जलन को दूर कर सकते हैं।
– यह सडन इन्फेंट डेथ सिंडोम के खतरे को कम करता है।
– स्तनपान करवाने से बचपन में बच्चे की सांस फूलने और गंभीर एग्जिमा विकसित होने का खतरा कम हो सकता है।
– बच्चे को कम से कम छह महीनों तक स्तनपान करवाने से उसे बचपन में होने वाले ल्यूकेमिया से सुरक्षा मिल सकती है।
– थोडा बडा होने पर जब कभी शिशु बीमार हो और कुछ खा न पा रहा हो, तो ऐसे में अगर वह स्तनपान कर रहा हो, तो उसे काफी आराम मिल सकता है। मां का दूध उसे जल्दी ठीक होने में भी मदद कर सकता है।
– मां का दूध बच्चे को अलग-अलग स्वाद के लिए तैयार करता है। मां के खाने के अनुसार शिशु दूध का स्वाद बदल सकता है, मगर फाॅर्मूला दूध में ऐसा नहीं होता। इसलिए आपका शिशु जब ठोस आहार खाना शुरू करेगा, तब उसे नए स्वाद से शायद इतनी दिक्कत नहीं होगी।
– छह महीने के आस-पास शिशु को ठोस आहार करने पर भी उसे स्तनपान करनावा जारी रखने से उसे भोजन से होने वाली एलर्जी के प्रति सुरक्षा मिल सकती है।
– स्तनपान शिशु को लंबे समय तक स्वस्थ रहने के लिए लाभदायक है।
– स्तनपान करने वाले शिशुओं के सामान्य से अधिक मोटा होने या वयस्क होने पर मधुमेह होने की संभावना कम होती है।
मां के लिए कैसे लाभकारी…..
– शिशु को नियमित स्तनपान कराने वाली महिलाओं में आगे चलकर टाइप टू मधुमेह, स्तन कैंसर और ओवेरियन कैंसर या स्तन संबंधी अन्य रोग होने का खतरा कम रहता है।
– स्तनपान कराने से मां के गर्भाशय को सिकुड़ कर वापस गर्भावस्था से पहले की स्थिति में आने में मदद मिलती है।
– स्तनपान मां को तनाव मुक्त रखने में भी मदद करता है, क्योंकि प्रसव के बाद कई बार माताएं तनाव के दौर से गुजरती हैं। यह आपके और आपके शिशु के बीच के संबंध को और मजबूत करता है।
– स्तनपान कराने वाले महिलाओं को अपना वजन बढने से रोकने और बढ जाने की स्थिति में उसे कम करने में मदद मिलती है। इसलिए यह आपके लिए भी फायदेमंद है।
– स्तनपान हडिडयों को कमजोर होने से बचाता है और महिलाओं में हदय रोगों के खतरे को भी यह कम करता है।
– स्तनपान करवाने वाली माताओं को बोतल और निप्पल धोने और उन्हें कीटाणुमुक्त बनाने या फिर फाॅर्मूला दूध तैयार करने की जरूरत नहीं है।