पुत्र जगदीश के मुताबिक नवरात्र होने के कारण घर के आंगन में दुर्गा मा की प्रतिमा स्थापित कर रखी है। जिसके चलते रविवार रात आंगन में जिस जगह वह सोता था, वहां पलंग पर मां लेट गई। उसके दोनों बेटे उदयवीर तथा पंकज अपनी दादी के अगल-बगल में सो रहे थे। वह कमरे में सोने चले गए। सोमवार सुबह करीब पांच बजे जगदीश की बेटी किरन कमरे से बाहर निकली तो भूदेवी की पलंग के नीचे खून बिखरा देखा। उसकी चीख सुनकर परिजन मौके पर जुट गए।
भूदेवी पर पड़ी शाल उठाई तो होश उड़ गए, हमलावरों ने उनके चेहरे को कुल्हाड़ी से काट दिया था। जबरदस्त प्रहार के चलते चेहरा और कनपटी का एक हिस्सा पूरी तरह से कट गया था। जगदीश के मुताबिक हमलावर उसकी हत्या के इरादे से आए थे। मां के शाल ओढ़े होने के कारण अंधेरे में हत्यारों को इसका अंदाज नहीं लगा कि वहां भूदेवी सो रही हैं। घटना की जानकारी होने पर एसएसपी राजेश डी मोदक समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए। एसएसपी के मुताबिक सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है।
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