Agra News: IAP Agra made aware about down’s syndrome…#agranews
Chirag Upadhyay return without joining BJP in Agra #agrabjp
आगरालीक्स.. आगरा में बसपा सरकार में मंत्री रहे रामवीर उपाध्याय के बेटे चिराग उपाध्याय भाजपा की सदस्यता ग्रहण किए बिना लौटे, चिराग ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ से प्रभावित होकर भाजपा ज्वाइन करने आया था लेकिन अभी भाजपा ज्वाइन नहीं की है। अब दो तीन दिन में लखनऊ में भाजपा ज्वाइन करेंगे। चिराग उपाध्याय से कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी नहीं है, पापा की बात भाजपा के विरष्ठ नेताओं से चल रही है।
रविवार को चिराग उपाध्याय ने अपनी पफेसबुक पर पोस्ट की, उसमें लिखा कि ब्रज क्षेत्र कार्यालय आगरा में 11 बजे भाजपा ज्वाइन करने जा रहा हूं। वे ब्रज क्षेत्र कार्यालय पहुंच गए, कुछ समर्थक भी कार्यालय पर पहुंच गए। करीब दो घंटे तक वे वहां रहे लेकिन भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के लिए कार्यक्रम नहीं हुआ, भाजपा पदाधिकारी भी दिखाई नहीं दिए।
मैं अभी किसी पार्टी में नहीं हूं
चिराग उपाध्याय से जब पूछा गया कि आपके पिता बसपा से मंत्री बने हैं, तो आपने बसपा क्यों ज्वाइन नहीं की, इस सवाल के जवाब में कहा कि मेरी अभी पढाई पूरी हुई है, अभी तक मैं किसी भी पार्टी में नहीं हूं, जहां राम की पूजा है, बोलने की स्वतंत्रता है, मैं उस पार्टी को ज्वाइन करने के लिए आया हूं।
राजनीति में पूरा परिवार
हाथरस से निर्दलीय चुनाव लडे, बसपा में मंत्री, ब्राह्रमण वोट बैंक में अहम किरदार
पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय मूलरूप से बामोली सादाबाद के रहने वाले हैं, लॉ की डिग्री लेने के बाद हाथरस से पहला चुनाव निर्दलीय लडा, भाजपा के राजवीर पहलवान से मामूली अंतर से चुनाव हार गए। अगला विधानसभा का चुनाव बसपा से लडा और चुनाव जीत गए, बसपा सरकार में ब्राहृमण वोट बैंक की धुरी बने रामवीर उपाध्याय ऊर्जा मंत्री बने। यहां से रामवीर उपाध्याय यूपी की राजनीति का बडा चेहरा उभर कर सामने आए।
रामवीर उपाध्याय के बसपा सरकार में मंत्री बनने के बाद उनकी पत्नी सीमा उपाध्याय जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं, उनके भाई मुकुल उपाध्याय और रामेश्वर उपाध्याय भी राजनीति में आ गए। बडे भाई विनोद उपाध्याय ने भी राजनीति में कदम रखा और चुनाव की तैयारी की।
हाथरस के बाद आगरा, सादाबाद और अलीगढ
हाथरस के बाद पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय फतेहपुर सीकरी से एमपी का चुनाव लडी और जीत गईं। इसके बाद आगरा में भी सक्रियता बढ गई। हाथरस की सीट सुरक्षित होने पर पिछला चुनाव बसपा से सादाबाद से लडा और चुनाव जीत गए, वे बसपा के चुनिंदा विधायकों में एक हैं जो भाजपा की लहर में चुनाव जीत सके।
2019 में लोकसभा चुनाव में विवादों में आए, बसपा से निष्कासित
2019 के लोकसभा चुनाव में फतेहपुर सीकरी सीट से बसपा ने सीमा उपाध्याय को प्रत्याशी घोषित किया, प्रचार भी शुरू हो गया लेकिन लोकसभा सीट पर भाजपा का दबदबा देख सीमा उपाध्याय ने चुनाव लडने से इन्कार कर दिया। इसके बाद अलीगढ सीट देने की मांग की, इसे लेकर विवाद गर्माता गया। मुकुल उपाध्याय ने अपने भाई के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद बसपा छोडकर भाजपा ज्वाइन कर ली। चुनाव के बाद सादाबाद से विधायक रामीवर उपाध्याय को बसपा ने पार्टी से निष्कासित कर दिया।