मंगलवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना पहली प्राथमिकता है। ऊर्जा के अलावा अलीगढ़ के लिए मुख्यमंत्री ने एक महत्वपूर्ण घोषणा अलीगढ़ टप्पल मार्ग (जो यमुना एक्सप्रेस वे को जोड़ता है) को फोर लेन करने के लिए की।
निश्चित रूप से इस मार्ग के फोर लेन होने से राजधानी और दिल्ली की दूरी और कम होगी, जिसका फायदा अलीगढ़ के उद्योग और रोजगार को मिलेगा। इसके अलावा साथा चीनी मिल को आर्थिक संकट से उबारने के बाद इसका फायदा यहां के किसानों को होगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में जितनी नौकरियां सरकार निकाल सकती है, निकाल रही है। नौकरियों के साथ ही रोजगार सृजन पर ध्यान दिया जा रहा है।
ऊर्जा राज्यमंत्री श्री वसीम अहमद ने कहा कि हरदुआगंज तापीय विद्युत गृह, जिसकी वर्तमान क्षमता 680 मेगावाट है, का विस्तार करते हुये प्रदेश सरकार द्वारा 660 मेगावाट की एक विद्युत परियोजना स्वीकृत की गयी है।
यह इकाई सितंबर 2019 से उत्पादन करना शुरू कर देगी। इसकी पूरी बिजली प्रदेश को ही मिलेगी। ऊर्जा राज्य मंत्री ललई यादव ने कहा कि हरदुआगंज तापीय परियोजना प्रदेश के हैवी लोड सेंटर के सबसे नजदीक है। यहां के विद्युत उत्पादन से ग्रिड को अत्यधिक बल मिलता है।
प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को इससे आवश्यक स्थिर वोल्टेज मिलेगा और ग्रिड में कोई उतार चढ़ाव नहीं आयेगा। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा कि प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए सरकार आधार भूत सुविधाओं को विकसित करने के लिए निरंतर प्रत्यनशील है तथा राजकीय क्षेत्र में वर्तमान विद्युत उत्पादन क्षमता जो 4933 मेगावाट है, वह वर्ष 2021- 22 तक बढ़कर 10213 मेगावाट हो जायेगा।
हमारी सरकार सभी जिलों को फोर लेन से जोड़ रही है। मेट्रो और एक्सप्रेस वे का काम चल रहा है। हमारी कोशिश है कि 13 हजार करोड़ रुपये की लागत से सब स्टेशन बनकर छह महीने में काम करना शुरू कर दें। सभी गांवों को 16 घंटे बिजली मिलती रहे।
सीएम की कोशिश विकास की है जिसकी मॉनीटरिंग मैं खुद करता हूं। उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन संजय अग्रवाल ने कहा कि सन 2006 के बाद प्रदेश में बिजली परियोजनाओं के निर्माण की शुरुआत हुई है।
पिछले छह महीनों में 27 सब स्टेशनों का निर्माण हुआ है। ऊर्जा राज्यमंत्री श्री वसीम अहमद ने कहा कि हरदुआगंज तापीय विद्युत गृह, जिसकी वर्तमान क्षमता 680 मेगावाट है, का विस्तार करते हुये प्रदेश सरकार द्वारा 660 मेगावाट की एक विद्युत परियोजना स्वीकृत की गयी है।
यह इकाई सितंबर 2019 से उत्पादन करना शुरू कर देगी। इसकी पूरी बिजली प्रदेश को ही मिलेगी। ऊर्जा राज्य मंत्री ललई यादव ने कहा कि हरदुआगंज तापीय परियोजना प्रदेश के हैवी लोड सेंटर के सबसे नजदीक है।
प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को इससे आवश्यक स्थिर वोल्टेज मिलेगा और ग्रिड में कोई उतार चढ़ाव नहीं आयेगा । मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा कि प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए सरकार आधार भूत सुविधाओं को विकसित करने के लिए निरंतर प्रत्यनशील है तथा राजकीय क्षेत्र में वर्तमान विद्युत उत्पादन क्षमता जो 4933 मेगावाट है, वह वर्ष 2021- 22 तक बढ़कर 10213 मेगावाट हो जायेगा।
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