अपने कार्यालय पर रेंज की अपराध समीक्षा में डीआईजी ने आगरा, फीरोजाबाद, मैनपुरी और मथुरा के एसएसपी से एक- एक कर उन तमाम वारदात पर चर्चा की, जिनका खुलासा नहीं हो पा रहा है। इनमें सबसे ज्यादा अनसुलझे केस आगरा के हैं। उन्होंने कहा कि एसओ और इंस्पेक्टर को टारगेट दिया जाए। अगर सात दिन में खुलासा होता है तो ठीक, वरना संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाए। डीआईजी ने लूट, चोरी और एटीएम ठगी के तीन साल के मामलों की सूची बनाकर अलग-अलग कप्तानों को दीं। इनमें जेल से बाहर चल रहे अपराधियों का ब्योरा भी है। कप्तानों से इनकी मौजूदा गतिविधियों की पड़ताल कराने के लिए कहा गया। जो अपराधी लापता हैं, उन पर कार्रवाई करने की हिदायत दी गई।
इन पर हो सकती है कार्रवाई
– न्यू आगरा : बिटटू का अपहरण
– हरीपर्वत : ग्रोवर दंपति हत्याकांड का खुलासा नहीं, अब तीन दिन में जानलेवा हमले की दो घटनाएं और हो गईं।
– ताजगंज : पशु व्यापारियों के साथ हुई पांच लाख की लूट के खुलासे की चुनौती है।
– कागारौल : एक करोड़ की लूट करने वाला गैंग तक ट्रेस नहीं हो पा रहा है।
– खंदौली : बैंक डकैती के खुलासे की चुनौती, इसमें अभी तक कामयाबी नहीं।
– फतेहपुर सीकरी : फौजी और उसके साथी की हत्या का कोई खुलासा नहीं हो पा रहा।
– सैंया : सराफ के घर पड़ी डकैती के खुलासे में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं।
– शमसाबाद : प्रिंस अपहरण कांड में अभी तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
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