
आगरा बुक क्लब द्वारा नृत्य नाटिका द्वारा आयोजित प्रस्तुति में थी। द्रौपदी के चीरहरण और भीम द्वारा दु:शासन के लहू से द्रौपदी के बाल धोने तक की कथा को फ्लेमेंको और कथकली के जरिए पेश किया गया। 75 मिनट की नृत्य नाटिका में द्रौपदी बनी स्पेनिश कलाकार बेटिना केस्टानो ने फ्लेमेंको के जरिए खुशी, दुख, पीड़ा और अपमान के भावों को पेश किए तो दु:शासन और भीम का चरित्र कथकली की भंगिमाओं से रचा गया। दु:शासन (बीजू लाल) ने दर्शक दीर्घा से मंच पर इस संदेश के साथ प्रवेश किया कि 3500 साल बाद भी नारी के मान-मर्यादा से खिलवाड़ जारी है।
कभी शोक तो कभी अपमान से कुम्हलाई द्रौपदी को दर्शकों के सामने सजीव करने में बेटिना केस्टानो सफल रहीं। चीरहरण के बाद कृष्ण के लिए उनकी करुण पुकार और फिर भीम के हाथों दु:शासन की मौत के दृश्यों में बेटिना ने सबसे ज्यादा तालियां बटोरीं। भीम की भूमिका बिजू कुमार ने निभाई। सुमेश जी ने चेंदा और राजीव एन ने मद्दलम बजाया। पॉप स्टार सुनीता राव ने पांच भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, मलयाली और स्पेनिश में द्रौपदी का अपमान और दुख बयान किया।
निर्देशक सीजर के मुताबिक आगरा के दर्शकों ने ‘द्रौपदी’ को भरपूर प्यार दिया। ताजमहल के सामने इसके मंचन से पहले वह नर्वस थे, लेकिन दर्शकों की तालियों ने न केवल उनकी टीम का मनोबल बढ़ाया, बल्कि उनके संदेश को भी आगे पहुंचाया। कमिश्नर प्रदीप भटनागर, डीएम पंकज कुमार, डीएफओ केके सिंह, आकांक्षा समिति अध्यक्ष संगीता भटनागर, क्लब अध्यक्ष शिवानी चतुर्वेदी, जितेंद्र चौहान और सुरेंद्र सिंह ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
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