
अंबेडकर विवि के जुबली हॉल में अनुसूचित जाति, जनजाति युवा कल्याण एसोसिएशन द्वारा रविवार 30 अगस्त को शिक्षा के गिरते स्तर पर व्याख्यान आयोजित किया गया था। इसमें बीएचयू की राजनीति शास्त्र की असिस्टेंट प्रोफेसर इंदू चौधरी ने हिंदू देवी देवताओं के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया, मंच से अशोभनीय टिप्पणी की, देवी की अष्ट भुजाओं से लेकर त्रिशूल पर भी टिप्पणी की गई। उन्होंने बनारस के संकटमोचन मंदिर में मथ्था टेकने वाले अपने समाज के छात्रों को नसीहत देते हुए मंदिर पर भी टिप्पणी की।
साकार विश्व हरि भी निशाने पर
साधू-संत जाटव समाज की महिलाओं को गुमराह कर रहे हैं। साकार विश्व हरि को ही देख लीजिए, वह दस रुपये प्रत्येक व्यक्ति से लेते हैं और उनके सत्संग में एक लाख लोग आते हैं। इस तरह उनकी सत्संग से कमाई होती है दस लाख, तो क्या उन्होंने कोई स्कूल खोला है या नहीं खोला? साफ पानी और शिक्षा कौन दे रहा है, साधु संत दे रहे हैं या देवी-देवता, नहीं तो उन्हें क्यों पूजते हो। चौधरी ने यहां तक कहा कि कोई देवी-देवता हमारा दीन नहीं। बौद्ध धर्म को आगे बढ़ाना उद्देश्य है, इसी के लिए काम किया जा रहा है।
ओडियो रिकॉर्डिंग सुनने के बाद मुकदमा
यह खबर एक न्यूज पेपर में प्रकाशित की गई थी, इसके अगले दिन सोमवार को हिंदूवादी संगठनों ने डॉ इंदू चौधरी और आयोजन रामजीलाल सुमन विद्याथी के खिलापफ मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी, साथ ही विवादास्पद बयान की ओडियो भी दी, यह ओडियो शहर में वायरल हो गई। इसकी जांच के बाद बुधवार को डॉ. इंदू चौधरी और रामजी लाल सुमन विद्यार्थी के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने (295ए) की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
कौन हैं डॉ इंदू चौधरी अंबेडकरवादी
डॉ इंदू चौधरी बीएचयू में इंग्लिश डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं और डॉ भीमराव अंबेडकर की अनुयायी हैं, उनके शब्दों में डॉ अंबेडकर ही भगवान हैं जिन्होंने दलितों को सापपफ पानी और शिक्षा का अधिकार दिया है। वे सवर्णों की खुलकर मुखालफत करती हैं। उन्होंने एक बडा जन आंदोलन खडा करने के लिए भीम सेना तैयार की है।
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