आगरालीक्स…आगरा में पीरियडस मासिक धर्म के बारे में उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्या, मिस इंडिया व्हील चेयर से लेकर यौन शोषण लिए जंग लड रहीं साक्षी ने खुलकर बात की, अपने पहले पीरियडस के बारे में चर्चा की और कहा कि मासिक धर्म को लेकर बेटियों को चुप्पी तोडनी चाहए। इसके बाद शाम को रैंप पर कैटवॉक किया।
आगरा में मासिक धर्म (पीरियड्स) में बेटियों की चुप्पी तोड़ने को फेडरेशन ऑफ ऑब्स एंड गायनिक सोसायटी ऑफ इंडिया (फॉग्सी) ने नाइन मूवमेंट के साथ अभियान छेड़ा है। इसकी शुुरूआत शुक्रवार को ताजनगरी के होटल रेडिसन ब्लू से हई। फॉग्सी की अध्यक्ष डॉ. जयदीप मल्होत्रा और डॉ नरेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि महंगा होने के कारण 18 फीसद महिलाएं ही सैनेटरी पैड का इस्तेमाल कर रहीं हैं। फॉग्सी के प्रयास से सरकार ने सैनेटरी पैड पर जीएसटी हटा दी है। नाइन मूवमेंट के निदेशक अमर तुलसियान ने कहा कि स्कूलों में निश्शुल्क वेंडिंग मशीन दी जा रही हैं। इसमें पांच रुपये का सिक्का डालने पर सैनेटरी पैड मिलता है। इस अवसर पर डा. निहारिका मल्होत्रा, डा. केशव मल्होत्रा, डा. ऋषभ बोरा, पूनम सचदेवा, चारू मित्तल, डा. दीक्षा गोस्वामी, डा. शैली गुप्ता, चांदनी, पल्लवी आदि मौजूद थे।
उत्तराखंड की राज्यपाल ने कहा मुझे पहला मासिक धर्म याद नहीं लेकिन

समारोह की मुख्य अतिथि उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि आज भी 66 फीसद महिलाएं पीरियड्स को लेकर जागरूक नहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 12 फीसद महिलाएं ही इसका इस्तेमाल करती हैं। उत्तराखंड की राज्यपाल ने कहा कि मैं इंद्रभान गल्र्स इंटर कॉलेज, पीपल मंडी में कक्षा 10 तक पढ़ी हूं। शर्म के कारण मासिक धर्म को लेकर मां बेटियों से बात नहीं करती थीं। मुङो पहला मासिक धर्म याद नहीं, कैसे खुद को संभाला होगा। अब सोच में बदलाव आया है। उन्होंने गांवों में ज्यादा काम करने की जरूरत बताई।
मासिक धर्म पर बोलीं साक्षी विद्यार्थी

2010 में यौन शोषण से पीड़ित फॉग्सी की ब्रांड एम्बेसडर कानपुर निवासी साक्षी विद्यार्थी ने पुलिस अधिकारी को 10 साल की सजा दिलवाई। वे बेटियों की लड़ाई लड़ रहीं हैं। उन्होंने कहा कि बेटिया मासिक धर्म की तरह यौन शोषण को भी छुपा रहीं हैं। शोषण की शिकार बेटी को मुंह ढककर समाज के सामने लाया जाता है। जबकि यह आरोपित के लिए होना चाहिए। ऐसी बेटियों को समाज स्वीकार नहीं करता। इसके चलते आज तमाम बेटियां आत्महत्या कर रहीं हैं। मैंने ऐसा नहीं किया, अपनी जिंदगी बेहतर बनाई। भूख हड़ताल करनी पड़ी, प्रदर्शन किया और यौन शोषण के आरोपित पुलिस अधिकारी को सजा दिलवाई। उन्होंने अपने यौन शोषण पर ‘मैं साक्षी हूं’ डॉक्यूमेंट्री बनाई है और अब इस पर मूवी बनाने जा रहीं हैं।
मासिक धर्म में सफाई का रखें ध्यान प्रिया भार्गव
मिस इंडिया व्हील चेयर 2015 प्रिया भार्गव ने बताया कि वे ऑटो इम्यून डिसऑर्डर के चलते दिव्यांग हैं। इसमें साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना पड़ता है, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होने से इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। सैनेटरी पैड के इस्तेमाल से इन्फेक्शन का खतरा कम होता गया। इससे हौसला मिला और मिस इंडिया व्हीलचेयर का खिताब जीत सकी। उन्होंने कहा कि बेटा-बेटी में भेदभाव उनके जन्म के साथ ही शुरू हो जाता है। बेटियों के लिए पिंक कलर, बेटों के लिए अलग रंग। ऐसा नहीं होना चाहिए, बेटा-बेटी बराबर हैं
बेटी के साथ, बेटियों के लिए

फाॅग्सी, नाइन मूवमेंट, मार्क, स्मृति और लायंस क्लब प्रयास की ओर से फतेहाबाद रोड स्थित होटल रेडिसन ब्लू में ‘बेटी के साथ, बेटियों के लिए’ के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत गणेश वंदना से हुई। इसके बाद प्रख्यात संगीतकार एवं वायलनिस्ट संगीता भुयान ने एक सुरमयी शाम सजाई। फाॅग्सी की अध्यक्ष डा. जयदीप मल्होत्रा और डा. नरेंद्र मल्होत्रा ने रैंप वाॅक की शुरूआत की। संगीता भुयान द्वारा प्रस्तुत राॅक संगीत की धुन पर मिस व्हील चेयर प्रिया भार्गव और साक्षी फाउंडेशन के जरिए रेप पीड़िताओं को न्याय दिलाने की मुहिम में जुटीं साक्षी विद्यार्थी ने जब रैंप पर जलवा बिखेरा तो हर कोई स्तब्ध रह गया। शहर के तमाम संगठनों के पदाधिकारी, सदस्य और डाॅक्टर भी इस वाॅक का हिस्सा बन गए और एक-एक कर सभी ने फैशन शो में शिरकत की। कार्यक्रम में मौजूद डाॅक्टरों सहित सैकडों लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ इन महिला हस्तियों का अभिनंदन किया। फाॅग्सी ने ‘उनसुंग हीरोज’ अवार्ड प्रदान किए।
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