Guru Pushya Nakshatra on 25 February: Better for auspicious works
आगरालीक्स… सभी नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को सबसे श्रेष्ठ माना गया है। गुरुवार (25 फरवरी) को गुरु-पुष्य शुभ संयोग बन रहा है। यह शुभ मुहूर्त नई दुकान, मकान, उद्घाटन, खरीदारी, के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। आगरालीक्स में जानिये विस्तृत जानकारी।
श्री गुरु ज्योतिष संस्थान अलीगढ़ के अध्यक्ष एवं ज्योतिषाचार्य पं. हृदय रंजन शर्मा के मुताबिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु पुष्य योग के देवता बृहस्तपित, एवं स्वामी गृह शनि है। भारतीय खोगलमें यह 8वां लघु संज्ञक नक्षत्र है। इसके तीन तारे हैं। ये तार एक सीध में तीर का आकार प्रदर्शित करते हैं। इसे देव नक्षत्र कहते हैं। पुष्य का अर्थ पौषक है। 17 नक्षत्रों में सबसे प्यारा नक्षत्र माना गया है। यह शुभ सात्विक पुरुष नक्षत्र है। इसकी जाति क्षत्रिय, योनि छाग, योनि वार, वानर गण,देव आदि नाड़ी है। यह पूर्व दिशा का स्वामी है।
गुरु पुष्य नक्षत्र का महत्व
बृहस्पति गुरु एसके देवता माने जाते हैं। ये देवों के आचार्य है। शिव की कृपा से इन्हें ग्रहों में गुरु का स्थान मिला है। इंद्र के सलाहाकार है। शिव पुराक्ष के मुताबिक महर्षि अंगिरस और सुरुपा के पुत्र हैं। इनकी तीन पत्निनयां, तारा, ममता और शुभ हैं। इनका रंग पीला, वस्त्र पीले हैं। ये दीर्घायु, वंशज प्रदाता हैं। यह ईशान कोण के स्वामी है।
-पुष्य नक्षत्र में विवाह सर्वदा वर्जित है क्योंकि ब्रह्माजी ने अपनी पुत्री शारदा का विवाह गुरु पुष्य में कराने का निर्णय किया। किंतु उसके सौंदर्य पर स्वयं मोहित हो गए। इस पशुता के विचार से ब्रह्मा ने इस योग को श्राप देकर विवाह से वर्जित कर दिया।
गुरु पुष्य योग की विशेषताएं
-इसमें दोनों ग्रह गुरु और शनि का प्रभावहै। इसमें सभी प्रकार की पूजा, प्रार्थनाएं सफल होती हैं। यह आध्यात्मिक परिपक्वता, माता का दूध, नकारात्मकता से सकारात्मकता का कारक है। इसमें उतपन्न जातक कभी कभी हठी, स्वार्थी, दुराग्राही होता है।
-इस नक्षत्र में सोना खरीदना शुभ माना जाता है। रविवार और गुरुवार को पुष्य नक्षत्र हो तो क्रय विक्रय के लिए अति शुभ माना जाता है।
-श्रीराम के अनुज भरत का जन्म नक्षत्र पुष्य था।
गुरु पुष्य अमृत योग पर विशिष्ट उपाय
मोती शंख
-मोती शंख एक बहुत ही दुर्लभ प्रजाति का शंख माना जाता है। यह शंख बहुत ही चमत्कारी होता है। दिखने में बहुत ही सुंदर होता है। इसकी चमक मोदी के समान होती है। यदि गुरु पुष्य योग में मोती शंख को कारखाने में स्थापित किया जाए तो कारखाने में तेजी से आर्थिक उन्नति होती है।
-मोती शंख में जलभरकर लक्ष्मी के चित्र के साथ रखा जाए तो लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
-यदि व्यापार में घाटा हो रहा तो एक मोती शंख धन स्थान पर रखने से व्यापार में वृद्धि होती है।