Hallmarking is necessary on gold, what to do with the jewelery kept in the house
आगरालीक्स… (16 june ) । क्या आपके घर में गोल्ड हॉलमार्किंग के गहने हैं, नहीं हैं तो क्या करें। अब ज्वैलर्स से गोल्ड हॉलमार्किंग जेवरों की बिक्री को कुछ रियायतों के साथ अनिवार्य कर दिया गया है।
शुद्धता का प्रमाणपत्र
गोल्ड हॉलमार्किंग कीमती धातु की शुद्धता का प्रमाणपत्र है। यह अब तक स्वैच्छिक था लेकिन अब 16 जून से सभी ज्वैलर्स के लिए गोल्ड हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया गया है लेकिन अगस्त माह के अंत तक के लिए ज्वैलर्स को राहत दी गई है।
इसके तहत अब ज्वैलर्स को सिर्फ 14,18 20, 22, 23 और 24 कैरेट की ज्वैलरी बेचने की अनुमति दी जाएगी। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) अप्रैल वर्ष 2000 से ही लागू की गई थी। वर्तमान में 40 फीसदी गोल्ड ज्वैलरी हॉलमार्किंग के साथ बेची जा रही है। बीआईएस के मुताबिक अनिवार्य हॉलमार्किंग से ग्राहकों को उसी शुद्धता का सोना मिलेगा, जितना गोल्ड ज्वैलरी पर लिखा होगा। इससे निम्न कैरेट की धोखाधड़ी से उपभोक्त बच सकेंगे।
अगस्त तक जुर्माना नहीं
अगर ज्वैलर्स ज्वैलरी बिना बीआईएस हॉलमार्क के बेचते हैं है तो ज्वैलर्स को उसकी लागत का पांच गुना जुर्माना लगाया जा सकता है या एक साल की कैद हो सकती है लेकिन अगस्त के अंत तक के लिए ज्वैलर्स को राहत दी गई है। इस दौरान बिना हॉलमार्किंग की ज्वैलरी की बिक्री पर जुर्माना अथवा सजा नहीं होगी।
यह चीजें रहेंगी हॉलमार्किंग से मुक्त
बीआईएस हॉलमर्किंग से सोने की बनी घड़ी, पैन, कुछ विशेष तरह के कुंडल, पोल्की, जड़ाऊ गहने आदि भी इससे मुक्त रहेंगे। ज्वैलर्स बिना हॉलमार्किंग का सोना खऱीद सकेंगे। फिर इसे हॉलमार्किंग के बाद बेचा जा सकेगा।
घऱ में रखे गोल्ड जेवरात को लेकर न हों चिंतित
आपके घऱ में जेवरात बिना हॉलमार्किंग के हैं तो चिंतित होने की जरूरत नहीं है। इन गहनों पर हॉलमार्किंग की जरूरत नहीं है। लोग अपने घरों में रखे सोने को पहले की तरह रख और बेच भी सकेंगे।
बडे ज्वैलर्स कर रहे हॉलमार्किंग का उपयोग
आगरा में लगभग सभी बड़े ज्वैलर्स बीआईएस से रजिस्टर कराने के बाद ज्वैलरी को बेच रहे हैं। एमडी रोड स्थित कक्कड़ ज्वैलर्स के संचालक परम कक्कड़ के मुताबिक उन्होंने इस स्कीम के शुरू होने के साथ ही रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ज्वैलरी को हॉलमार्किंग के साथ बेचा जा रहा है। ग्राहकों को पूर्ण शुद्धता की ज्वैलरी उपलब्ध कराई जाती है।
40 लाख सालाना टर्नओवर तक राहत
हॉलमार्किंग ज्वैलरी को लेकर छोटे दुकानदारों और गली-मोहल्ले के स्वर्णकार को परेशानी जरूर आ सकती है। बीआईएस से रजिस्टर कराने में खर्च होगा। हालांकि सरकार ने 40 लाख सालाना के टर्नओवर वाले ज्वैलर्स को इस दायरे से मुक्त रखा है।
कई बार बढ़ाई गई है डेडलाइन
सरकार की ओर गोल्ड हॉलमार्किंग की की डेडलाइन को कई बार आगे बढ़ाया जा चुका है। पहलने नवंबर 2019 में केद्र सरकार ने घोषणा की थी कि गोल्ड ज्वैलरी उत्पादों के लिए पूरे देश में अनिवार्य ह़ॉलमार्किंग 15 जनवरी 2021 से प्रभावी होगी। सरकार ने ज्वैलर्स को हॉलमार्किंग अपनाने और बीआईएस के साथ रजिस्टर्ड कराने के लिए एक साल का समय दिया लेकिन कोविड 19 की वजह से ज्वैलर्स ने इस बढ़ाने के लिए और समय की मांग की जिसके बाद सरकार ने इसे बढ़ाकर एक जून 2021 कर दिया। इसके बाद फिर इसे 15 जून कर दिया गया। इसके बाद अब यह अनिवार्य हो गई है।