आगरालीक्स.. आगरा में नालों की सफाई में करोडों रुपये खर्च हुए हैं, आधी अधूरी सिल्ट निकाल कॉलोनी और दुकानदारों से भी पैसे लिए, अब बारिश को दोष दे रहे हैं, वह भी जवाब के रुप में 30 घंटे से रुक रुक का ट्रेलर दे रही है। गुरुवार के बाद शुक्रवार को सुबह से शुरू हुई बारिश से जलभराव होने लगा है और घरों से लेकर दुकानों में पानी भर गया है।
आगरा में बुधवार रात दो बजे से बारिश हो रही है, गुरुवार सुबह छह बजे तक तेज बारिश हुई। इसके बाद बूंदाबांदी होने लगी, दोपहर में कुछ देर के लिए मौसम खुला, इसके बाद गुरुवार रात से दोबारा बारिश होने लगी है। शुक्रवार सुबह से तेज बारिश होने लगी है। गुरुवार को 135 एमएम बारिश हुई है। शुक्रवार को बारिश तेज है, इससे सडकों और कॉलोनी में जलभराव होने लगा है।
शहर में क्यों हुआ जलभराव, सूरसदन के लिए कौन है जिम्मेदार

आगरा में कुछ देर के लिए ही तेज बारिश हुई है, इसके बाद लगातार बारिश होती रही। बारिश लगातार होने पर ड्रेनेज सिस्टम सही होने से जलभराव नहीं होता है। बारिश में सूरसदन में जलभराव हो गया, यहां ड्रेनेज के लिए सूरसदन से पालीवाल पार्क तक ड्रेनेज पाइप लाइन डाली गई थी। यह शुरू नहीं हो सकी। इसके चलते सूरसदन से पानी निकासी का साधन नहीं है, सूरसदन की सडक से लिंक रोड नीचे हैं, इससे चर्च रोड पर जलराव हो जाता है। बेसमेंट में मार्केट बने हुए हैं, इन मार्केट में जलभराव होने से हालात बिगड जाते हैं। प्रोफेसर कॉलोनी में जलभराव हो गया। यह सिस्टम क्यों नहीं शुरू किया गया, कौन इसका जिम्मेदार है।
दयालबाग की कॉलोनी में एसटीपी का गेट बंद होने से जलभराव
दयालबाग में कई कॉलोनी है, यह भी नीचाई में बनी हैं। इन कॉलोनी का पानी एसटीपी तक पहुंचता है, बारिश में भी एसटीपी के गेट नहीं खोले गए। पानी का स्तर बढने से नाले बैक मारने लगे और दयालबाग में पुष्पांजलि सहित तमाम कॉलोनियों में पानी भर गया।
देवरी रोड पर नाले से घरों में पानी
देवरी रोड पर पानी की निकासी के लिए नाला है, यह कैंटोनमेंट बोर्ड से होकर जाता है,इसे लेकर विवाद चल रहा है। वहीं, नाला भी चोक है, इसकी सफाई के लिए टेंडर भी उठाया गया था। नाले की सपफाई नहीं हुई, देवरी रोड पर बारिश से घरों में पानी भर गया और अभी तक भरा हुआ है।
उखर्रा में नहर बंद होने से 500 परिवार फंसे
उखर्रा में नहर है, यह नहर बंद कर दी गई है। बारिश का पानी नहर से ही निकल सकता था, नहर बंद होने से पानी का स्तर बढता गया है और उखर्रा में बाढ जैसे हालात बन गए। यहां 500 परिवार फंस गए हैं। पानी निकासी का कोई इंतजाम नहीं है।