Ruckus in Parliament over NEET, Rahul Gandhi waved picture of
High intensity earthquake hits Nepal again, death toll rises to 4310
मंगलवार की सुबह फिर नेपाल भूकंप के झटकों से थर्रा गया। सुबह 5 बजकर 5 मिनट पर फिर भूकंप के झटकों ने नेपाल को हिला दिया। इस बीच आंखें जिस ओर उठती हैं, सिर्फ तबाही के निशान नजर आते हैं। रिक्टर पैमाने पर 7.9 की तीव्रता का भूकंप आने के तीन दिन बाद काठमांडू मलबों का शहर दिखाई दे रहा है
हालात ये है कि डरे-सहमे लाखों लोग अपने घर लौटने को तैयार नहीं हैं। सोमवार शाम तक मरने वालों की तादाद 4,000 को पार कर चुकी है। आठ हजार से ज्यादा लोग घायल हैं और सैकड़ों लोगों का कहीं कोई अता-पता नहीं है। 13 भारतीयों के भी मारे जाने की खबर है। इनमें असम के सात पर्यटक और तेलुगु फिल्मों के 21 वर्षीय कोरियोग्राफर विजय भी शामिल हैं।
दोबारा भूकंप आने के डर से लाखों लोग सड़कों पर और पार्कों में समय बिता रहे हैं। कंपकंपाती ठंड के बावजूद वे रात के वक्त भी घर लौटने को तैयार नहीं हैं। विनाशकारी भूकंप के बाद लगातार झटके आने से खौफ और बढ़ गया है। सोमवार को भी सुबह और शाम के वक्त 5.1 तीव्रता के दो झटके आए। इससे लोगों में दहशत फैल गई। बाद में पता चला कि इसका केंद्र पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग स्थित मिरिक में था।
काठमांडू का हर पार्क इस समय लोगों से भरा हुआ है। कोई भी जगह खाली नहीं है। आर्मी परेड ग्राउंड में 1,200 टेंट लगाए गए हैं। इनमें 24,000 महिला, पुरुष और बच्चे रह रहे हैं। इसके साथ ही कई तरह के अभाव से जूझते लोगों में नाराजगी भी बढ़ रही है। भोजन और पानी के लिए मारामारी हो रही है। बिजली नदारद है, तो जरूरी दवाओं का घोर अभाव हो गया है। व्यवस्था बहाल करने में प्रशासनिक अधिकारी जी-जान से लगे हुए हैं।