आगरालीक्स..(Agra News 13th July) आगरा में डॉक्टरों की संस्था आईएमए ने अपने ही सदस्य डॉक्टर की एमबीबीएस की डिग्री फर्जी बताते हुए सवाल उठाए हैं, डॉक्टर ने कोरोना मरीजों का भी इलाज किया जबकि डाक्टर का कहना है कि आरोप साजिश के तहत लगाए गए हैं, उसकी डिग्री सही है।
आईएमए के अध्यक्ष डॉ राजीव उपाध्याय ने मीडिया से छत्तीसगढ मेडिकल काउंसिल,जयपुर का साझा किया है। इस पत्र के आधार पर दावा किया है कि आयुष्मान हॉस्पिटल, सिकंदरा बोदला रोड के संचालक डॉ संजीव कुमार की एमबीबीएस की डिग्री फर्जी है। डॉ संजीव कुमार दो साल से आईएमए के सदस्य भी हैं और कोरोना की दूसरी लहर में उनके हॉस्पिटल को कोविड हास्पिटल बनाया गया था मरीज भी भर्ती रहे थे।
ये है मामला
डॉ संजीव कुमार का आयुष्मान हॉस्पिटल है, एमबीबीएस 2018 में पंडित जेएनएम मेडिकल कालेज की और छत्तीसगढ मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रेशन नंबर से आईएमए के सदस्य बन गए। आईएमए के अध्यक्ष डॉ राजीव उपाध्याय ने छत्तीसगढ मेडिकल काउंसिल को पत्र लिखकर डॉ संजीव कुमार के रजिस्ट्रेशन और डिग्री की जानकारी मांगी। डॉ राजीव उपाध्याय ने छत्तीसगढ मेडिकल कॉलंसिल से मिले पत्र के आधार पर दावा किया है कि डॉ संजीव कुमार की एमबीबीएस की डिग्री पफर्जी है और पत्र में यह भी कहा गया है कि रजिस्ट्रेशन पर छत्तीसगढ मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर हैं वह भी फर्जी हैं। सीएमओ डॉ आरसी पांडेय का कहना है कि इस मामले की जांच कराई जा रही है, डिग्री फर्जी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
आरोप हैं गलत, रची गई साजिश
इस मामले में डॉ संजीव कुमार का मीडिया से कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप गलत हैं, आईएमए के पदाधिकारियों ने साजिश के तहत छत्तीसगढ मेडिकल काउंसिल का फर्जी पत्र मीडिया में साझा किया है, उनके दस्तावेज सही हैं।