Karva Chauth tomorrow, the festival of good luck for women: worship method, timing, what should be consumed in Sargi
आगरालीक्स… महिलाओं के अंखड सौभाग्य का पर्व करवा चौथ कल है। करवा चौथ का समय, पूजन विधि, सरगी में क्या खायें। इस दिन क्या करें सहित विविध जानकारी।
शुभ फलदायक होती है करवा चौथ
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भण्डार वाले ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा बताते हैं कि करवा चौथ का व्रत और पूजन कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। इसे करक चतुर्थी भी कहते है। करवा या करक मिट्टी के छोटे घड़े को कहते है जिसके द्वारा चाँद को अर्घ्य दिया जाता है। चौथ शरद पूर्णिमा के बाद आने वाली चौथ होती है।
खरीफ की फसल भी हो जाती है तैयार
पंजाब , उत्तर प्रदेश , राजस्थान , हरियाणा , मध्य प्रदेश राज्यों का यह प्रमुख त्योहार है। गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में यह दिन आश्विन महीने में पड़ता है। इसी समय खरीफ की फसल तैयार होने से इस त्योहार की उमंग बढ़ जाती है। करवा चौथ महज एक व्रत नहीं है, बल्कि सूत्र है, विश्चास का कि पति पत्नी हमेशा साथ रहेंगे, आधार है जीने का कि उनका साथ कभी ना छूटे
🔷करवा चौथ की तारीख 13अक्टूबर 2022 गुरुवार
🍁 करवा चौथ पूजन का शुभ समय– शाम 5 : 46 से 8 : 00 तक
🌸 करवा चौथ के दिन चांद दिखने का समय- रात को 8:20 बजे।
🌷करवा चौथ के दिन क्या करते है
- 🌟 करवा चौथ के दिन विवाहित महिलाएं अपने पति के स्वास्थ्य और लम्बी उम्र की मंगल कामना में व्रत रखती है। इस व्रत की शुरुआत भोर होने के साथ ही हो जाती है। व्रत करने वाली महिला घर का कोई काम नहीं करती
⭐इस व्रत में सूर्योदय के पश्चात न कुछ खाया जाता है न पिया जाता है। यहाँ तक कि एक घूँट पानी भी नहीं पीते है। महिलाएं मेहंदी लगाती है , सजती संवरती है। दोस्त और परिवार वालों से मिलना मिलाना चलता रहता है
🔹 रात को चाँद दिखने पर उसे अर्ध्य देने के बाद व्रत खोला जाता है। इसे चाँद को अरग देना या चाँद को अर्क देनाभी कहते है।
♦अलग अलग जगह और परिवार की हिसाब से रीती रिवाज कुछ बदल जाते है। कुछ परम्पराएँ इस प्रकार है।
🔶सरगी में क्या खाएँ
🌸इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नाश्ता करते है जिसे सरगी कहते है। सरगी में सूत फेनी जरूर शामिल होती है। इसे दूध के साथ लेते है। इसे खाने से पानी नहीं पीने के कारण होने वाली परेशानी कम हो जाती है
🍁कुछ जगह सरगी में सात , नौ या ग्यारह प्रकार की चीजें लेते है। सरगी में खाने की सामग्री में बादाम , काजू , किशमिश , अंजीर , आदि मेवे तथा फल , पराठे , मठरी , दूध व छेने से बनी मिठाइयाँ आदि शामिल किये जाते है।रिवाज के अनुसार सरगी बहु के लिए सासु माँ द्वारा भेजी जाती है। सासु माँ घर पर हो तो बहु के लिए वे ही सरगी तैयार करती है। कुछ लोग करवा में चूड़ियां , हेयर बैंड , काजल , बिंदी , सोलह श्रृंगार के सामान , मिठाई , कपड़े आदि रखते है तथा एक दूसरे के घर जाकर उपहार के तौर पर देते है।शाम के समय महिलाएं सुन्दर और नए कपडे ,गहने आदि पहन कर तैयार होती है। किसी किसी जगह शादी वाले कपड़े पहने जाते है। लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है
💐इस त्यौहार का उद्देश्य गीत गाकर बताया जाता है। जिसमे इस दिन कपड़ा सिलने या बुनने के लिए मना किया जाता है। गीत गाकर रूठे हुए को मनाने और सोये हुए को उठाने ( कार्यरत होने ) का सन्देश दिया जाता है उत्तर प्रदेश में बुजुर्ग महिला वीरवती की कहानी सुनाती है। शंकर , पार्वती और गणेश जी की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर शुद्ध कपडे जेवर आदि पहनाकर भक्ति भाव से पूजा की जाती है। करवा की सात बार अदला बदली की जाती है। साथ ही गीत गाया जाता है
” 🔸सदा सुहागन करवा लो पति की प्यारी करवा लो सात भाइयों की बहन करवा लो
🔸व्रत करनी करवा लो सास की प्यारी करवा लो
🌷करवा चौथ के गीत गाए जाते है। पूजा की थाली के फेरे लगाये जाते है।इसके बाद चाँद का इंतजार किया जाता है।बयाना निकालकर सासु , ननद या जेठानी को दिया जाता है
♦करवा चौथ की पूजा विधि
🏵इस व्रत में शिव-पार्वती , कार्तिकेय , गणेशजी और चाँद का पूजन किया जाता है। पूजा के लिए पाना या चित्र बाजार में मिल जाता है
🌺 एक पाटा धोकर शुद्ध करें
💐 इस पर कुछ गेहूं के दाने रखें
🍁 अब इस पर पूजा के लिए चौथ माता का पाना रखें
🔸 एक मिट्टी के करवे पर मौली बांधकर रोली से एक सातिया बनाएँ
🌷 उस पर रोली से तेरह बिंदी लगाकर चाँद को अर्ध्य देने के लिए जल भर दें
♦ उस पर एक खाली दीपक या प्लेट रखकर उसमें दो बोर , एक कांचरी , दो चोले की फली , आंवला , सिंघाड़ा , एक फूल , आदि रखें
⭐ फिर एक दूसरी प्लेट में रोली , मौली , गेहूं के दाने, गुड़, मेहंदी लें और एक लोटा जल से भरकर रखें
🌹 लोटे पर मोली बांधकर सातिया बनाएँ
🔥 चौथ माता को रोली , मोली , अक्षत , फूल , मेहंदी आदि अर्पित करके पूजा करें और गुड़ का भोग लगाएं
🌻 अपने माथे पर रोली से टीकी करें
💥 हाथ में गेहूं के तेरह दाने लेकर करवा चौथ की कहानी सुनें
🌟 (श्री गणेश जी) विनायक जी की कहानी सुने
🍁कहानी सुनने के बाद गेहूं के कुछ दाने लोटे में डाल दें । कुछ दाने साड़ी के पल्लू में बांध लें
🔸पल्लू में बंधे हुए गेहूं के दाने रात में चाँद को अर्ध्य देते समय हाथ में रखते है
⭐लोटे का जल सूरज को देते है
🌻एक थाली में फल , मिठाई आदि रखते है और शक्कर के करवे में चावल भरते है इसे भी थाली में रखते है , कुछ रूपये रखकर इसे बायना के तौर पर सासु , ननद या जेठानी को देते है
💥 चांद निकलने पर क्या करें
रात को चाँद निकलने पर चाँद की पूजा करने के बाद ही व्रत खोला जाता है
🌸चाँद निकलने पर चाँद को अर्घ्य दिया जाता है , उसकी पूजा की जाती है। चाँद को जाली में से या दुपट्टे में से देखते है। फिर इसी तरह पति को भी देखते है।
🍁 इसके बाद पति अपनी पत्नी को थाली से जल का लोटा उठाकर उससे पहला घूंट पानी का पिलाते है। फिर खाने के लिए पहला निवाला देकर व्रत खुलवाते है। इसके बाद व्रत करने वाली महिला भोजन करती है
🔸 आजकल पति भी पत्नी का साथ देते हुए इस दिन व्रत रखने लगे है। पति का व्रत रखना पत्नी के प्रति प्रेम जाहिर करता है। इससे पति पत्नी का आपसी प्रेम और विश्वास बढ़ता है । यह पति पत्नी के रिश्ते को और मजबूत करता है