लखनऊलीक्स…. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के नये परिसर का लोकार्पण कर दिया। उन्होंने कहा कि विश्वनाथ धाम विश्व में नये आयाम स्थापित करेगा।
नगर कोतवाल भैरव का आशीर्वाद लाया हूं
उऩ्होंने कहा कि मैं नगर कोतवाल काल भैरव की पूजा करके आ रहा हूं। देशवासियों के लिए उनसे आशीर्वाद लेकर आया हूं। काशी में डमरू वाले की सरकार है, यहां उनकी इच्छा के बिना कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने माता अन्नपूर्णा का भी स्मरण किया।
विश्वनाथ धाम ऊर्जा से भरा है
पीएम ने कहा कि विश्वनाथ धाम आज ऊर्जा से भरा हुआ है। बनारस अपना रस बिखेर रहा है। विश्वनाथ धाम को लेकर बनारस के लोगों पर संदेह व्यक्त किया गया था। काशी पर औरंगजेब ने अत्याचार किए तलवार के दम पर मिटाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सका। औऱंगजेब की कट्टरता को शिवाजी ने कुचलने का साहस किया। उन्होंने बनारस की महान विभूतियों से लेकर राजा हरीशचंद्र तक का उल्लेख किया।
विकास कार्यों का उल्लेख किया
उन्होंने कहा कि नया भारत मंदिर ही नहीं बना रहा देश का चहुंमुखी विकास कर रहा है। गरीबों के घर बना रहा है। अंतरिक्ष में जा रहा है। उन्होंने अयोध्या, कुशीनगर, नोएडा समेत प्रदेश के विकास कार्यों को गिनाया तो उत्ताराखंड आदि में कराए विकास कार्यों का उल्लेख किया।
आत्मनिर्भर औऱ सृजन का संदेश
उन्होंने आत्मनिर्भर होने का भी संदेश दिया। सृजन का संकल्प व्यक्त किया। उऩ्होंने तीन बार हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ अपने भाषण का समापन किया।
भाजपा राज्यों के 12 सीएम आए
कार्यक्रम में भाजपा शासित राज्यों क 12 सीएम और नौ डिप्टी सीएम ने भाग लिया।
सबसे पहले पूजे काल भैरव
पीएम मोदी सुबह पौने ग्यारह बजे अपने संसदीय क्षेत्र में पहुंच गए। पीएम ने सवा ग्यारह बजे काल भैरव मंदिर में पूजा अर्चना की। इसके बाद वह पैदल ही खिड़िकिया घाट गए।
बाबा विश्वनाथ का विधि-विधान से अभिषेक
इसके बाद पीएम मोदी अपने पैदल ही हाथों में गंगाजल लेकर बाबा विश्वनाथ के मंदिर में पहुंचे। बाबा विश्वनाथ की तीन पुजारियों के साथ विधि विधान से पूजा अर्चना की, बाबा का चंदन समेत विविध वस्तुओं से अभिषेक किया। माल्यार्पण समेत चांदी का मुकट बाबा को चढ़ाया गया। पूजा अर्चना के बाद पीएम ने अपनी जेब से दक्षिणा भी भेंट की। पूजा के दौरान डमरुओं के निनाद से परिसर पूरी तरह गुंजायमान होता रहा।
आठ सौ करोड़ की लागत से बना है कॉरिडोर
काशी में पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ धाम को करीब 800 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। प्राचीन मंदिर के मूल स्वरूप को बनाए रखते हुए 5.27 लाख वर्गफीट से ज्यादा क्षेत्र को विकसित किया गया है।