आगरालीक्स…स्तन कैंसर को समझने का बेहद आसान है तरीका..डाॅ. अनुश्री रावत ने बताया-अनमैरिड 30 से अधिक उम्र की युवतियां खुद कर सकती हैं इसकी जांच.
जानकारी ही बचाव है
स्तन कैंसर के लक्षणों की जांच महिलाएं खुद कर सकती हैं, ये तो अक्सर बताया जाता है लेकिन जांच के बारे में महिलाओं की जानकारी कितनी सही और कारगर है, ये कहना मुश्किल है. स्तन में आने वाले बदलावों को लेकर अक्सर महिलाओं के मन में उलझन रहती है. कुछ ऐसी ही उलझन कॉरीन ब्यूमॉन्ट के मन में थी. अपनी नानी और दादी को स्तन कैंसर के कारण खोने वाली कॉरीन के मन में स्तन कैंसर के लक्षणों की पहचान को लेकर कई सवाल थे.
इन सवालों के जवाब ढूंढ़ते हुए उन्होंने ‘नो योर लेमन्स’ कैंपेन बना डाला जिसकी सोशल मीडिया वेबसाइट फ़ेसबुक पर काफ़ी चर्चा है. फ़ेसबुक पर पिछले कुछ दिनों में इसे 32 हज़ार बार शेयर किया जा चुका है.
Dr. Anushree Rawat ने बताया कि भारत में, स्तन कैंसर ने गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर को पार कर लिया है और मौखिक गुहा सबसे आम कैंसर है और कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण है- 2018 में, स्तन कैंसर के 162,468 नए मामलों का निदान किया गया, भारतीय महिलाओं में सभी नए कैंसर का 27.7% और सभी कैंसर से 11.1% का प्रतिनिधित्व किया गया
नो योर लेमन्स डॉट कॉम पर स्तन कैंसर के लक्षण समझाने के लिए नींबुओं की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है. ‘नो योर लेमन्स’ कैंपेन में अंडों रखने वाले डिब्बे में नींबुओं की तस्वीर से महिलाओं को स्तन कैंसर के लक्षणों की समझ बड़ी आसानी से मिल सकती है.
कॉरीन कहती हैं कि कई मरीज़ स्तन के बारे में बात करना या उनकी तरफ़ देखना नहीं चाहते. लेकिन इस तस्वीर से कम पढ़ी-लिखी महिलाएं भी इसकी समझ हासिल कर सकती हैं. अमरीका, स्पेन, तुर्की और लेबनान में महिलाओं में स्तन कैंसर की जागरूकता फैलाने के लिए इस कैंपेन का इस्तेमाल किया गया है.
16 अलग अलग भाषाओं में इसका अनुवाद किया गया है.
स्तन पर ये टैटू नहीं एक पैग़ाम है
काली महिलाओं में स्तन कैंसर अधिक, क्यों?
जानलेवा नहीं है स्तन कैंसर
कॉरीन ने अपनी वर्ल्डवाइड कैंसर चैरिटी संस्था शुरू करने के लिए दो साल पहले नौकरी छोड़ दी थी.
साल 2003 में कॉरीन ने ‘नो योर लेमन्स’ शुरू किया था लेकिन कुछ दिन पहले एरिन स्मिथ शीज़े ने इस तस्वीर को शेयर किया, तबसे सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है.
एरिन को स्तन पर निशान दिखने के बाद स्तन कैंसर के चौथे स्टेज का पता चला. वो कहती हैं कि सोशल मीडिया पर अपने स्तन जैसी मिलती जुलती इस तस्वीर को देखकर उन्हें इसकी जानकारी मिली. कई लोगों का मानना है कि नींबुओं की तस्वीर एकदम साफ़ और रंगीन है, ये तस्वीर, अक्सर सैकड़ों शब्दों के बीच खो जाने वाली अहम जानकारी को एकदम साफ़-साफ़ सामने रख देती है.
ब्रेस्ट कैंसर केयर के मुताबिक़ महिलाओं को अपनी जांच को अपने रूटीन में शामिल करना चाहिए.
एक चैरिटी संस्था ब्रेस्ट कैंसर केयर के ताज़ा सर्वे में पता चला कि एक हज़ार में से एक तिहाई महिलाएं सामान्य तौर पर स्तन कैंसर के निशान और लक्षणों की जांच नहीं करतीं. जबकि 96 फ़ीसदी महिलाओं को पता था कि स्तन में गांठ, कैंसर का लक्षण है लेकिन एक चौथाई महिलाएं ये नहीं जानती थीं कि भीतर की ओर दबे हुए निप्पल भी कैंसर का एक लक्षण हैं. हालांकि दस में से नौ मामलों में स्तन की गांठ कैंसर नहीं होती लेकिन फिर भी डॉक्टर से राय लेना अच्छा होता है.
स्तन कैंसर से महफ़ूज नहीं बुजुर्ग महिलाए भी!
इसके अलावा स्तन में गड्ढे, निशान या फिर निप्पल के स्थान में बदलाव भी कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के प्रॉफ़ेसर जयंत वैद्य कहते हैं कि अंडों के डिब्बे में नींबुओं की तस्वीर से लोगों की दिलचस्पी बढ़ती है और आसानी से जानकारी याद रह जाती है.
वो कहते हैं कि स्तन में नसों का फूलना या स्तन में सूजन जैसे लक्षण कम देखने को मिलते हैं जबकि चमड़ी का उतरना, संतरे के छिलके जैसी त्वचा या बड़ी गांठें बढ़े हुए कैंसर की निशानियां हैं.
Dr.Anushree Rawat
MBBS MS gyaencology and breast specialist
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