Businessman lodge FIR after Bookie poster with his name paste
MLA Jagan Prasad Garg letter to Nagar Nigam commissioner, Agra goes Viral
आगरालीक्स.. आगरा के भाजपा विधायक के पत्र ने खलबली मचा दी है, उन्होंने पत्र में लिखा है कि सडक निर्माण के पत्थर पर नगर आयुक्त अरुण प्रकाश अपना नाम लिखवाना चाहें तो ठेकेदारों से 27 फीसद कमीशन लेना बंद कर दें। उन्होंने हिदायत दी है कि सडक निर्माण के लिए लगाए जाने वाले पत्थर पर मेयर, क्षेत्रीय विधायक और पार्षद और कार्यदायी संस्था का ही नाम लिखें, इसके अलावा किसी और का नाम नहीं होना चाहिए।
आगरा में नगर निगम द्वारा सडक का निर्माण कराए जाने के बाद माननीय के नाम के पत्थर लगाए जा रहे हैं। पिछले दिनों आगरा उत्तर से भाजपा विधायक जगन प्रसाद गर्ग के क्षेत्र में सडक निर्माण का पत्थर लगाया गया, इस पत्थर पर कई माननीय के नाम लिख दिए साथ में नगर आयुक्त का भी नाम लिख दिया गया। इससे नाराज होकर भाजपा विधायक जगन प्रसाद गर्ग ने नगर आयुक्त अरुण प्रकाश, आगरा को पत्र लिखा है।
आज के बाद ना लिखें किसी और का नाम
विधायक जगन प्रसाद गर्ग ने 29 अप्रैल 2018 को अपने लैटर पैड पर नगर आयुक्त अरुण प्रकाश को हिदायत देते ही पत्र लिखा है। इसमें लिखा है कि आपसे निवेदन है कि आप आज के बाद सडक निर्माण के पत्थरों पर महापौर, क्षेत्रीय विधायक व क्षेत्रीय पार्षद के अलावा किसी का नाम न जाये केवल कार्यदायी संस्था का ही नाम डालें। यदि आप अपना नाम डालना चाहें तो ठेकेदार से 27 प्रतिशत कमीशन लेना बंद कर दें, यदि दसके बाद भी आपने नाम डालने की गलती की तो काले रंग से मैं खुद नाम को मिटा दूंगा। शेष जैसा आप उचित समझें।
सीएम से भी की शिकायत
विधायक जगन प्रसाद गर्ग ने सीएम योगी आदित्यनाथ से भी शिकायत की है, उन्होंने नियम 301 का हवाला देते हुए शिकायत की है कि विकास कार्यों की पटिटका पर मेयर, विधायक और पार्षद का नाम लिखना अनिवार्य है लेकिन नगर आयुक्त, आगरा अरुण प्रकाश ऐसा नहीं कर रहे हैं।
विकास कार्य के श्रेय लेने की होड
इससे पहले एयरपोर्ट की बाउंड्री वॉल के उदघाटन पर सांसद चौधरी बाबूलाल की जगह एससी आयोग के अध्यक्ष डॉ राम शंकर कठेरिया को बुलाने पर विवाद हो गया था, चौधरी बाबूलाल ने डीएम गौरव दयाल पर गंभीर आरोप लगाए थे। यह मामला अभी थमा नहीं हैं। आगरा के सभी विधायक भाजपा से हैं, दोनों सांसद भाजपा के हैं, मेयर के साथ ही अधिकांश पार्षद भी भाजपा के हैं। इन सभी में विकास कार्य का श्रेय लेने की होड लगी हुई है।