Moon darshan on Shri Ganesh Chaturthi leads to false allegations, know the reason and remedy
आगरालीक्स..श्री गणेश चतुर्थी को चंद्र दर्शन नहीं करने चाहिए, इससे झूठे आरोप लगते हैं। भूलवश चंद्र दर्शन होने पर कैसे करें दोष का निवारण।
श्री गणेश सभी देवों में सर्वश्रेष्ठ

श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार वाले ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा भगवान श्रीगणेश को सभी देवों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है लेकिन गणेश चतुर्थी को चंद्र दर्शन नहीं करने चाहिए क्योंकि इस रात्रि को चंद्र दर्शन करने से झूठे आरोप लगते हैं। इसका उल्लेख हमारे धर्मग्रंथों में मिलता है।
गणेश जी ने दिया था चंद्रमा को श्राप
🌸भगवान गणेश को गज का मुख लगाया गया तो वे गजवदन कहलाए और माता-पिता के रूप में पृथ्वी की सबसे पहले परिक्रमा करने के कारण अग्रपूज्य हुए। सभी देवताओं ने उनकी स्तुति की पर चंद्रमा मंद-मंद मुस्कुराता रहा। उसे अपने सौंदर्य पर अभिमान था। गणेशजी समझ गए कि चंद्रमा अभिमान वश उनका उपहास करता है। क्रोध में आकर भगवान श्रीगणेश ने चंद्रमा को श्राप दे दिया कि आज से तुम काले हो जाओगे।
चंद्रमा को हुआ था भूल का अहसास
चंद्रमा को अपनी भूल का अहसास हुआ। उसने श्रीगणेश से क्षमा मांगी तो गणेशजी ने कहा सूर्य के प्रकाश को पाकर तुम एक दिन पूर्ण हो जाओगे यानी पूर्ण प्रकाशित होंगे। लेकिन आज का यह दिन दंड देने के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
इस दिन को याद कर कोई अन्य व्यक्ति अपने सौंदर्य पर अभिमान नहीं करेगा। जो कोई व्यक्ति आज यानी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन तुमहारे दर्शन करेगा, उस पर झूठा आरोप लगेगा। इसीलिए भाद्रपद माह की शुक्ल चतुर्थी को चंद्र दर्शन नहीं किया जाता।
अनजाने में इस दिन चंद्र दर्शन हो जाएं यह करें उपाय
भगवान गणेश ने कहा कि चंद्र का ये श्राप सिर्फ एक ही दिन मान्य रहेगा। इसलिए चतुर्थी के दिन यदि अनजाने में चंद्र के दर्शन हो भी जाएं तो इससे बचने के लिए छोटा सा कंकर या पत्थर का टुकड़ा लेकर किसी की छत पर फेंके। ऐसा करने से चंद्र दर्शन से लगने वाले कलंक से बचाव हो सकता है। इसलिए इस चतुर्थी को पत्थर चौथ भी कहते है।