murder case filed against UP minister for journalist’s death
आगरालीक्स …….उत्तर प्रदेश की सपा सरकार के मंत्री राममूर्ति वर्मा के खिलाफ शाहजहांपुर में पत्रकार जागेंद्र सिंह की हत्या के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। पत्रकार जागेंद्र सिंह को जिंदा फूंक दिया गया था। उन्हें स्थानीय स्तर पर उपचार के बाद लखनऊ रेफर किया गया था। लखनऊ में इलाज के दौरान जगेंद्र की मौत हो गई थी। इस मामले में पीड़ित पक्ष ने यूपीसरकार के मंत्री राममूर्ति वर्मा पर पत्रकार की हत्या का आरोप लगाया था। उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रवक्ता आइजी कानून-व्यवस्था ए. सतीश गणेश का कहना है कि पत्रकार की हत्या के मामले में राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा और कोतवाल शाहजहांपुर समेत पांच लोगों पर हत्या समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस मामले में डीआइजी बरेली को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर मामले की विवेचना की जिम्मेदारी दी गई। विवेचना में जिसकी जो भूमिका होगी उसी अनुरूप कार्रवाई की जाएगी। भारतीय दंड संहिता की धारा ३०२ और १२०बी के तहत एफआइआर दर्ज कर ली। अब आगे की कार्रवाई की जा रही है।
अखिलेश सरकार के मंत्री राममूर्ति वर्मा पर कुछ दिन पहले वक्फ की जमीन कब्जा करने का आरोप लगा था। शाहजहांपुर में मैनेजिंग कमेटी वक्फ के सचिव ने पिछड़ा वर्ग राज्यमंत्री पर सत्ता का दुरुपयोग कर जमीन पर कब्जा कराने का आरोप लगाया था। इस बाबत उन्होंने सीएम अखिलेश यादव को नोटिस भेजा था। आरोप, पिछड़ा वर्ग राज्य कल्याण मंत्री राममूर्ति वर्मा ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ता गुफरान और सलीम अख्तर के माध्यम से वक्फ की कोठी और आराजी को बिकवाना चाह रहे थे। इस बाबत राज्यमंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा ने कहा कि उनपर जो आरोप लग रहे हैं वो निराधार हैं। उन्हें वक्फ की जमीन के बारे में कुछ नहीं पता है।
समाजवादी सरकार में अक्सर उनके अपने मंत्रियों की वजह से मुश्किलें खड़ी होती रही हैं। अब जागेन्द्र सिंह की हत्या के आरोपों से घिरे पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा नई मुसीबत बने हैं।
राम मूर्ति सिंह वर्मा पर पत्रकार की हत्या के षड्यंत्र का आरोप है। इस मसले का खास पहलू यह है कि जागेन्द्र का मृत्यु पूर्व बयान रिकार्ड किया गया है। उन्होंने सीधे-सीधे राज्यमंत्री, कोतवाल और कुछ अन्य लोगों को आरोपित किया है। इससे राममूर्ति की कुर्सी खतरे में पड़ गयी है।