मीडिया रिपोर्ट के अनुसार , सिकंदरा बोदला रोड पर 4 हजार वर्ग गज जमीन को लेकर लेकर 11 जून 2002 को विवाद हो गया था। आरोप है कि पुष्पांजलि ग्रुप के डॉ वीडी अग्रवाल के साथ आए समर्थकों ने ताबडतोड फायरिंग की थी। इसमें खतैना जगदीश पुरा निवासी आलमगीर उर्फ छोटे की हत्या कर दी गई थी और 200 राउंड गोलियां चली थी। इस मामले को लेकर दो मुकदमे थाना सिकंदरा में दर्ज हुए थे। इस मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई, सीबीसीआईडी ने जांच में डॉ वीडी अग्रवाल समेत अन्य को आरोपी माना। इस मामले में दोबारा सीबीसीआईडी की जांच कराई गई, उसमें भी आरोपी माना गया, इसके बाद तीसरी बार जांच कराई गई, तीसरी जांच में डॉ वीडी अग्रवाल को क्लीन चिट दे दी गई।
इस मामले में डॉ वीडी अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में वर्ष 2010 में एसएलपी दाखिल की थी, लेकिन राहत नहीं मिली। सु्प्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने वर्ष 2014 में वीडी अग्रवाल की याचिका खारिज कर दी। विपक्षी प्रमोद भार्गव की हाईकोर्ट में याचिका पर 21 जनवरी को आरोपियों को पकडने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। अगली तारीख 16 फरवरी तक आरोपियों के न पकडे जाने पर डीजीपी और एसएसपी आगरा को तलब किया है। इस मामले में एसीजेएम कोर्ट ने बुधवार को आठ आरोपियों के गैर जमानती वारंट जारी किए हैं।
चार आरोपी पकडे
बहादुर सिंह, कोमल शर्मा, सियाराम और विनोद को गिरफ्तार कर एसीजेएम प्रथम चंद्रमणि मिश्रा की कोर्ट में पेश किया। उनकी जमानत के लिए अधिवक्ता दुर्गविजय सिंह, ओमवीर सिंह और आरके राघव ने याचिका दी। इसे खारिज कर दिया गया। चारों आरोपी जेल भेज दिए गए।
पुलिस को डॉ वीडी अग्रवाल सहित चार की तलाश
फरार आरोपियों में प्रभु नगर ,जयपुर हाउस निवासी वीडी अग्रवाल के अलावा राजीव नगर सिकंदरा के शेरा पहलवान, मथुरा के सुरेंद्र सिंह और कन्नौज का नानक सिंह शामिल हैं। इनकी गिरफ्तारी के बगैर इन पर आरोप तय हो पाना मुमकिन नहीं है।
Leave a comment