Sharad Purnima 2023 : Kojagiri Pooja Shubh Muhurt #agra
आगरालीक्स कल शरद पूर्णिमा है, ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा पर देवता भी धरती पर आते हैं। धरती का माहौल काफी खुशनुमा होता है, जानें शरद पूर्णिमा के बारे में।
ज्योतिषाचार्य परमपूज्य गुरुदेव पंडित ह्रदय रंजन शर्मा (अध्यक्ष )श्री गुरू ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भण्डार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी के अनुसार, इस साल 28 अक्टूबर 2023 शनिवार को अश्विन पूर्णिमा (शरदपूर्णिमा)के महत्वपूर्ण पर्व को लक्ष्मी पूजा व कोजागिरी मनाई जाती हैं *
इस पर्व में गाय का दूध, मिठाई और मखाने का विशेष महत्व माना जाता है, इन सबकों मिलाकर चंद्रमा के प्रकाश में खीर बनाई जाती है जिसके सेवन से अनेक रोग दूर हो जाती हैं । इस दिन नवविवाहितों के सुखमय जीवन, मां लक्ष्मी की कृपा, धन धान्य एवं सुख समृद्धि से परिपूर्णता की कामना के साथ कोजागिरी पर्व मनाया जाता है । देश के अधिकांश जगहों पर सुख-समृद्धि की देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाती है
इस साल कोजागिरीव्रत शरद पूर्णिमा का त्यौहार 28 अक्टूबर 2023 को मनाया जायेगा । कोजागिरी पर्व हर साल अश्विन पूर्णिमा की रात यानी विजयादशमी के पांचवे दिन मनाया जाता है । इसमें माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है
कोजागिरी पूजा का शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि का आरंभ -28 अक्टूबर शनिवार की सुबह 04:18 बजे से होगा
पूर्णिमा तिथि का समापन 28अक्टूबर शनिवार की रात 01बजकर 54 मिनट पर हो रहा है अत:शरदपूर्णिमा, कोजागरी वृत,रास पूर्णिमा,खीरभोग अर्पण 28अक्टूबर2023 दिन शनिवार को ही करना शास्त्र सम्मत और सही भी होगा 28 अक्टूबर 2023 शनिवार को कार्तिक स्नान पूर्णिमा और भगवान वाल्मीकि जयंती भी मान्य होगी
रात में होती है महालक्ष्मी और महाकाली की पूजइस दिन महालक्ष्मी जी की प्रतिमा स्थपित कर रात में जागरण कर महालक्ष्मी की पूजा करने का विधान है । इस दिन व्रत रखने वालों को संध्या के समय गणपति और माता लक्ष्मी की पूजा करके अन्न ग्रहण करना चाहिए । शरद पूर्णिमा की रात को चांद अति सुंदर दिखाई देता हैं । इस रात चांद से अमृत की वर्षा होती है । इस रात दुधिया प्रकाश में दमकते चांद से धरती पर जो रोशनी पड़ती है उससे धरती का सौन्दर्य यूं निखरता है कि देवता भी आनन्द की प्राप्ति हेतु धरती पर चले आते हैं.
इस रात के अनुपम सौंदर्य की महत्ता इसलिए भी है क्योंकि इस रात माता महालक्ष्मी जो सम्पूर्ण जगत की अधिष्ठात्री हैं, इस रात कमल आसन पर विराजमान होकर धरती पर आती हैं । इस दिन जहां देश के कई भागों में लोग माता लक्ष्मी के नाम से व्रत करते हैं और उनसे अन्न धन की प्राप्ति की कामना करते हैं वहीं देश के कई भागों में इस रात काली पूजा का आयोजन भी किया जाता इस दिन महालक्ष्मी जी की प्रतिमा स्थपित कर रात प्रतरण कर महालक्ष्मी की पूजा करने का विधान है । इस दिन व्रत रखने वालों को संध्या के समय गणपति और माता लक्ष्मी की पूजा करके अन्न ग्रहण करना चाहिए । शरद पूर्णिमा की रात को चांद अति सुंदर दिखाई देता हैं । इस रात चांद से अमृत की वर्षा होती है ।
इस रात दुधिया प्रकाश में दमकते चांद से धरती पर जो रोशनी पड़ती है उससे धरती का सौन्दर्य यूं निखरता है कि देवता भी आनन्द की प्राप्ति हेतु धरती पर चले आते हैं
ज्योतिषाचार्य परमपूज्य गुरुदेव पंडित ह्रदयरंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार वाले पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250